60+ के केवल इन बुजुर्गों को लगेगी बूस्टर डोज, वैक्सीनेशन के लिए दिखाना होगा ये सर्टिफिकेट
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60+ के केवल इन बुजुर्गों को लगेगी बूस्टर डोज, वैक्सीनेशन के लिए दिखाना होगा ये सर्टिफिकेट

कोरोना से बचाव के लिए बुजुर्गों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज लगाया जाएगा. केवल ऐसे बुजुर्ग बूस्टर डोज के पात्र होंगे जो किसी दूसरी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. उन्हें डोज लेने के लिए एक मेडिकल सर्टिफिकेट की आवश्यकता होगी.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) के बढ़ते खतरे को देखते हुए बुजुर्गों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज (Booster Dose) दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को देश को संबोधित करते हुए 15-18 साल के बच्चों के टीकाकरण की शुरुआत की घोषणा के साथ ही ऐलान किया कि बुजुर्गों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज लगाया जाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि 60 साल से अधिक उम्र के ऐसे बुजुर्ग एहतियाती खुराक यानी बूस्टर डोज ले सकते हैं, जो दूसरी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं. 

  1. बुजुर्गों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को लगेगी बूस्टर डोज
  2. दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ित बुजुर्गों को मिलेगा लाभ
  3. 15-18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन भी होगा शुरू
  4.  

Medical Certificate दिखाना होगा

को-विन संचालन के प्रमुख और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा ने बताया है कि बुजुर्गों को इस डोज के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट (Medical Certificate) की आवश्यकता होगी. न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में शर्मा ने कहा कि 60 साल से अधिक के वे लोग बूस्टर डोज के पात्र हैं, जो को-मॉरबिडिटी से पीड़ित हैं. उन्हें डोज लेने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाना होगा. टीकाकरण की बाकी प्रक्रिया पहले की तरह रहेगी.

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CoWIN पर मौजूद है पूरी जानकारी

डॉ. शर्मा ने बताया कि कोविन-ऐप पर पूरी जानकारी मौजूद है. जिन्हें दोनों डोज लग चुकी है वे को-मॉरबिडिटी सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं, इसके बाद ही उन्हें  तीसरी डोज मिलेगी. उन्होंने आगे कहा कि सर्टिफिकेट पर किसी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर के साइन की आवश्यकता होगी, जिसे अपलोड किया जा सकता है और लाभार्थी इसकी हार्ड कॉपी टीकाकरण केंद्र भी ले जा सकते हैं. 

पुराना फॉर्मूला ही होगा लागू 

सीईओ डॉ. शर्मा ने कहा, ‘को-मॉरबिडिटी सर्टिफिकेट का ब्योरा पहले से मौजूद है, जिसे तब जारी किया गया था, जब शुरुआत में 45+ के अधिक के ऐसे लोगों को टीका लगाया जा रहा था जो दूसरी बीमारियों से पीड़ित हैं. वही फॉर्मूला अब भी लागू होगा और उसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता होगी’. गौरतलब है कि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. देश में एक बार फिर से पाबंदियों का दौर भी शुरू हो गया है.  

 

 

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