गणतंत्र दिवस पर पहली बार इस उग्रवादी संगठन ने नहीं बुलाया बंद, CM ने की तारीफ
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गणतंत्र दिवस पर पहली बार इस उग्रवादी संगठन ने नहीं बुलाया बंद, CM ने की तारीफ

पहली बार ULFA (I) बंद या गणतंत्र दिवस समारोह (Republic Day Celebration) के बहिष्कार (Boycott) का आह्वान नहीं करेगा. इस पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि इस तरह के विश्वास-बहाली के उपायों से भविष्य में केंद्र और इस संगठन के बीच औपचारिक (Formal) वार्ता हो सकती है.

ULFA पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह के बहिष्कार का आह्वान नहीं करेगा

गुवाहाटी: कोविड-19 (Covid-19) की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर परेश बरुआ के नेतृत्व वाला ULFA (I) दो दशक में पहली बार गणतंत्र दिवस पर बंद के आह्वान से दूर रहा है. उग्रवादी संगठन (Extremist Organization) के इस कदम का स्वागत करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) ने उम्मीद जताई कि विश्वास बहाली (Confidence Building) के ऐसे उपायों से उल्फा (आई) और केंद्र के बीच भविष्य में औपचारिक वार्ता हो सकती है.

  1. ULFA(I) पहली बार बंद के आह्वान से दूर
  2. असम सीएम ने बताया इसे एक मददगार कदम
  3. औपचारिक वार्ता की जताई उम्मीद

परेश बरुआ का बयान

मीडिया (Media) को ईमेल (E-Mail) किए गए एक बयान में बरुआ ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर उल्फा (आई) बंद या गणतंत्र दिवस समारोह के बहिष्कार का आह्वान नहीं करेगा. बरुआ ने हालांकि ऐसे समय में पांच-दिवसीय कार्यक्रम (Five-Day Program) के साथ गणतंत्र दिवस समारोह मनाने के लिए केंद्र की आलोचना की. बरुआ ने लोगों से महामारी के कारण कार्यक्रमों में भाग लेने से परहेज करने और 26 जनवरी को उत्सव के खिलाफ अपना विरोध (Protest) दर्ज कराने के लिए काला बिल्ला (Black Badge) पहनने का आग्रह किया.

'केंद्र और संगठन के बीच औपचारिक वार्ता संभव'

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया जताते हुए सरमा (Assam CM) ने संवाददाताओं से कहा, 'ULFA (I) के प्रमुख परेश बरुआ ने कोविड-19 महामारी के कारण गणतंत्र दिवस पर बंद का आह्वान नहीं किया है. यह एक स्वागत योग्य कदम है. मुझे लगता है कि इस तरह के विश्वास-बहाली के उपायों से भविष्य में केंद्र (Center) और इस संगठन (Organization) के बीच औपचारिक वार्ता हो सकती है.'

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मुख्यमंत्री ने संगठन की सराहना की थी

मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने इस महीने की शुरुआत में उल्फा (आई) से गणतंत्र दिवस पर बंद का आह्वान नहीं करने का आग्रह किया था और पिछले साल स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर ऐसा करने से परहेज करने के लिए प्रतिबंधित संगठन (Banned Organization) की सराहना की थी.

उग्रवाद को खत्म करने की अपील

सरमा (CM) ने पिछले साल 10 मई को शपथ (Oath) लेने के बाद उल्फा (आई) से शांति वार्ता (Negotiation Of Peace) के लिए आगे आने और राज्य में 42 साल पुराने उग्रवाद (Extremism) को खत्म करने की अपील की थी. उल्फा के कट्टरपंथी धड़े ने उसी महीने से तीन महीने के लिए एकतरफा संघर्षविराम (Unilateral Ceasefire) की घोषणा के साथ उसका जवाब दिया था, जिसे वह तब से बढ़ा रहा है.

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एकतरफा संघर्षविराम को बताया 'सकारात्मक कदम'

सीएम सरमा ने एकतरफा संघर्षविराम को 'सकारात्मक कदम' ('Positive Step') बताते हुए कहा था कि सरकार ने भी इसके जवाब में पिछले आठ महीनों में संगठन के साथ किसी प्रकार का 'सीधा संघर्ष' ('Direct Struggle') नहीं किया है.

(इनपुट - भाषा)

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