Uttarakhand Tunnel Collapse Rescue: उत्तरकाशी की टनल में फंसे मजदूर बीते 7 दिनों से जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. हालांकि प्रशासन भी उन्हें सुरक्षित बचाने के लिए दिन रात एक किए हुए है. लेकिन अब तक इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है कि मजदूर कब बाहर आएंगे?
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Uttarakhand Tunnel Collapse Latest News: उत्तरकाशी की सिल्कयारा टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सुरंग में ड्रिलिंग का काम युद्धस्तर पर जारी है. ऑगर मशीन अपना काम कर रही है. अब तक 24 मीटर से ज्यादा ड्रिलिंग की मदद से पाइप डाला जा चुका है. इसके लिए SDRF, NDRF, फायर सर्विस समेत मेडिकल सर्विस और पुलिस ने मिलकर मॉकड्रिल की. उत्तराखंड टनल हादसे से जुड़ा हर लेटेस्ट अपडेट यहां जानिए.
पांच दिन और लग सकते हैं!
फंसे लोगों को बचाने के लिए 5 लेवल का प्लान बनाया गया है, जिसकी निगरानी खुद प्रधानमंत्री कार्यालय कर रहा है. सुरंग के अंदर किसी भी तरह की ड्रिलिंग रोक दी गई है और पहाड़ के ऊपर जियो मैपिंग की जा रही है. जैसे ही ये मैपिंग हो जाएगी, तुरंत पहाड़ में ड्रिलिंग शुरू हो जाएगी. कहा जा रहा है कि इस ऑपरेशन को पूरा होने में अभी 4-5 दिन और लग सकते हैं.
ऑपरेशन पूरा होने में लग सकता है और वक्त, हंगामे के बीच टूटा सब्र का बांध
रेस्क्यू काम में देरी होने से मजदूरों के परिजनों और उनके साथियों में आक्रोश है. उनका कहना है कि टनल हादसे का जिम्मेदार जीएम, इलेक्ट्रिकल मैनेजर और कंपनी के PRO हैं. सारे वर्कर्स ने कहा था कि ये टनल कभी भी धंस सकती है,लेकिन वो नहीं माने और निर्माण कराते रहे. मौके पर मौजूद चंदन महतो नाम के शख्स ने कहा कि अंदर फंसे लोगों को बचाने का एक ही तरीका है, मैट मशीन लाई जाए, ऊपर से ड्रिल करें या साइड से कटिंग की जाए. क्योंकि जहां मशीन चल रही थी, उसके 30 मीटर अंदर 500 एमएम टनल बैठ गई है. किसी को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा. उन्होंने ये भी कह दिया कि ये लोग हमारे भाइयों को बचाना ही नहीं चाहते, सब जानते हैं मशीन सक्सेस नहीं होगी. ये बस टनल बचाना चाहते हैं. 41 मजदूर फंसे थे. उनका कोई रिकॉर्ड नहीं है.'
'प्लान सी' पर चल रहा विचार
रेस्क्यू ऑपरेशन (Uttarakhand Tunnel Rescue) को आज सातवां दिन है. सूत्रों के मुताबिक फिलहाल 'प्लान बी' के अनुसार टनल में ड्रिल करके पाइप डालने का काम जारी रहेगा. इसके साथ ही 'प्लान सी' के बारे में भी विचार किया जा रहा है. इसके तहत टनल के ऊपर चार ऐसे स्थान को देखा गया है, जहां से वर्टिकल ड्रिलिंग हो सकती है. इसके लिए जियो मैपिंग से टनल के ऊपर के क्षेत्र को प्वाइंट आउट किया जाना है.
टनल के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग
टनल के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग करके टनल में उतारने का प्लान तैयार किया गया है, उसे देखते हुए मीडिया की टीमें भी उस इलाके में पहुंची हैं. फिलहाल जहां पर टनल का ऊपरी इलाका है, वहां सर्वे किया जारी है.
सिलक्यारा टनल रेस्क्यू पर पल-पल अपडेट ले रहे: CM धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. PMO के मार्गदर्शन में राज्य सरकार सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सकुशल निकालने के प्रयास में जुटी हैं. सुरंग में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए देश और दुनिया में ईजाद की गई आधुनिक तकनीक की मदद ली जा रही है. उम्मीद हैं कि जल्द इसमें सफलता मिल जायेगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू पर पल पल अपडेट ले रहे हैं.
पीएमओ ने रखी नजर
PMO भी रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर रखे है. सिलक्यारा पहुंचे मजदूरों के परिजनों के लिए सहायता केंद्र खोलने और उनके रहने-खाने की जरूरत के हिसाब से मदद करने का आदेश मिला है. उनसे कहा गया है कि विपदा की इस घड़ी में परिजनों को धैर्य बनाये रखने की जरूरत है. सरकार हर वक्त उनके साथ खड़ी है. CM धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग आपदा से निपटने के लिए देश और दुनिया में चले पुराने सुरंग रेस्क्यू के अनुभवों के आधार पर काम हो रहा है.
ऐसे जुटाई गई जानकारी
हिमचाल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर समेत दुनिया के कई देशों में सुरंग निर्माण और आपदा के बाद हुए रेस्क्यू की तकनीकी को अपना रहे हैं. पीर पंजाल, अटल सुरंग, भंवर टोंक, संगलदान जैसी बड़ी सुरंग निर्माण और लूज गिरने के बाद रेस्क्यू की जानकारी जुटाई जा रही है. इसी के अनुसार रेस्क्यू टीम श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयास में जुटी हैं.
- हवाई रास्ते के जरिए इंदौर से आईं जरूरी मशीनों को जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर रात करीब डेढ़ बजे उतारा गया. सभी मशीनों को तीन वाहनों मे लोड कर सिल्क्यारा के लिए रात को ही रवाना कर दिया गया था. सभी मशीनें ब्रह्मखाल तक पहुंच चुकी हैं. ब्रह्मखाल से सिलक्यारा टनल की दूरी 7 किलोमीटर है.
- यूनाइटेड किंगडम के माइनिंग एक्सपर्ट इंजीनियर क्रिश कूपर (Crish Cooper) सिल्कयारा टनल साइट पर पहुंचे हैं. Cooper ऋषिकेश में एक टनल प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे हैं. उनसे मौजूदा रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर ओपिनियन लिया जाएगा.
- उत्तरकाशी के टनल में ड्रिलिंग के दौरान जोरदार आवाज की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया है. सुरंग बनाने वाली कंपनी NHIDCL के अधिकारियों को इस बात की आशंका है कि आगे भी टनल धंस सकता है. लिहाजा पाइप को धकेलने का काम रोक दिया गया है.
- उत्तरकाशी के टनल में फंसे 40 मजदूरों की सुरक्षा के लिए पूजा-पाठ और दुआओं का दौर जारी है. 40 मजदूर पिछले 7 दिन से फंसे हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर में कई धार्मिक संगठन यज्ञ और पूजा-अर्चना कर रहे हैं. मां गंगा और बाबा भोलेनाथ से टनल में फंसे 40 मजदूरों के जल्दी सुरक्षित बाहर आने के लिए प्रार्थना की जा रही है.
- सुरंग में जारी रेस्क्यू ऑपरेशन पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी भी लगातार नजर बनाए हुए हैं. वहीं, झारखंड के 15 मजदूरों को बचाने के लिए झारखंड सरकार ने भी अफसरों की टीम को मौके पर पहुंचाया है. रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही गुड न्यूज़ मिलेगी.
- उत्तरकाशी में आज रेस्क्यू ऑपरेशन का सातवां दिन है. रेस्क्यू ऑपरेशन में 98 कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है. वे तीन शिफ्टों में ड्यूटी कर रहे हैं. टनल के मुहाने पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
- एयरफोर्स ने सी-17 विमान को इक्विपमेंट्स पहुंचाने के लिए लगाया है. एमपी के इंदौर से करीब 22 टन अहम इक्विपमेंट्स देहरादून तक हवाई मार्ग से पहुंचाने के लिए भारतीय वायु सेना के सी-17 परिवहन विमान का इस्तेमाल किया जा रहा है. बचावकर्मी सुरंग में पिछले 7 दिन से फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रात-दिन काम कर रहे हैं.
- इंडिया एयरफोर्स ने ‘एक्स’ पर लिखा कि वायु सेना उत्तराखंड के धरासू में चल रहे सुरंग बचाव कार्य में सहायता के लिए अपने अभियानों को जारी रखे हुए है. इंदौर से देहरादून तक करीब 22 टन महत्वपूर्ण उपकरणों को हवाई मार्ग से पहुंचाने के लिए वायु सेना के सी-17 विमान को तैनात किया गया है. वायु सेना ने सी-17 विमान और इस पर रखी जा रही एक मशीन की तस्वीर भी ‘एक्स’ पर शेयर की.