Delhi News: दिल्ली में AAP को सरकार गिरने का डर! राष्ट्रपति शासन लगने की कितनी गुंजाइश?
Advertisement

Delhi News: दिल्ली में AAP को सरकार गिरने का डर! राष्ट्रपति शासन लगने की कितनी गुंजाइश?

Delhi Political News: दिल्ली में आम आदमी पार्टी को अपनी सरकार गिरने का डर सता रहा है. उसका यह डर यूं ही नहीं है. कानून में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिनके आधार पर एलजी दिल्ली सरकार को बर्खास्त कर सकते हैं. 

 

Delhi News: दिल्ली में AAP को सरकार गिरने का डर! राष्ट्रपति शासन लगने की कितनी गुंजाइश?

Delhi News in Hindi: आम आदमी पार्टी को दिल्ली में अपनी सरकार गिरने का खतरा महसूस हो रहा है. हम ऐसा इसीलिए कह रहे हैं क्योंकि आज सुबह-सुबह दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया कि बीजेपी, दिल्ली की चुनी हुई पूर्ण बहुमत वाली सरकार को गिराकर यहां राष्ट्रपति शासन लगाने की साज़िश रच रही है. सवाल है कि आखिर आतिशी के इन आरोपों का आधार क्या है..क्या सच में ऐसा हो सकता है? और सीएम केजरीवाल के जेल जाने के बाद दिल्ली के पास विकल्प क्या हैं? 

आतिशी की बताई वजहें नहीं उतर रहीं गले

पहले दिल्ली के सीएम केजरीवाल को जेल जाना पड़ा. फिर दिल्ली के एक बड़े मंत्री ने पद और पार्टी छोड़ दी. अब AAP कह रही है कि BJP दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने वाली है. मतलब आम आदमी पार्टी पर एक के बाद एक मुसीबत आती ही जा रही है. हालांकि दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने राष्ट्रपति शासन की आशंका के पीछे जो वजह बताई है, वो गले के नीचे उतरना थोड़ा मुश्किल है.

दरअसल आतिशी ने सुबह-सुबह प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि दिल्ली सरकार के अफसर मीटिंग में नहीं आ रहे हैं. ये अफसर आचार संहिता का बहाना बना रहे हैं. साथ ही, नए अफसरों की पोस्टिंग नहीं हो रही है. सीएम केजरीवाल के निजी सचिव को बर्खास्त कर दिया गया है. इन्हीं सब कारणों को उन्होंने राष्ट्रपति शासन लगाने की थ्योरी बता दी. 

बीजेपी ने दाग दिए AAP पर सवाल

आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी दिल्ली में केजरीवाल को हरा नहीं सकती. इसीलिए सरकार गिराने का नया-नया हथकंडा अपना रही है. आतिशी के इन आरोपों पर BJP के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा मैदान में आए और पूछा कि क्या दिल्ली की बहुमत वाली पार्टी के सारे विधायक छोड़ कर जा रहे हैं, जो उन्हें सरकार गिरने का डर सता रहा है. 

दरअसल दो दिन पहले आम आदमी पार्टी के बड़े नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद ने इस्तीफा दे दिया था. हालांकि मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे राजकुमार आनंद ने इसके लिए अपनी ही पार्टी पर आरोप लगाए. मगर AAP ने राजकुमार के इस्तीफे के पीछे भी BJP का हाथ बताया था. हालांकि दिल्ली सरकार के दूसरे मंत्री सौरव भारद्वाज का राजधानी में संवैधानिक संकट और राष्ट्रपति शासन पर कुछ और ही कहना है. उनका कहना है, 'लोग कह रहे हैं और अख़बारों में छप रहा है कि केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन लगाने की तैयारी कर रही है. एक मंत्री का इस्तीफ़ा हो गया तो उसे भी संवैधानिक संकट का आधार बना रहे.'

क्या है 'राष्ट्रपति शासन' थ्योरी का सच?

ऐसे में सवाल यही है कि आप के मन में चल क्या रहा है. आखिर दिल्ली में राष्ठ्रपति शासन वाली साज़िश का सच क्या है. AAP के इन आरोपों का आधार क्या है? क्या आम आदमी पार्टी के भीतर भगदड़ की स्थिति है और क्या सचमुच दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की गुंजाइश है. 

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पंद्रह दिन के लिए न्यायिक हिरासत में हैं .और सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ़ याचिका पर सुनवाई है. अगर केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिलती है तो आम आदमी पार्टी का डर सच भी साबित हो सकता है. दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग सकता है. 

दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की 'थ्योरी'

ये कैसे मुमकिन है और इसके आधार क्या हैं? ये आपको बताते हैं. दरअसल, LG को अधिकार है कि दिल्ली की सरकार बर्खास्त कर सकते हैं. सरकार बर्खास्तगी की वजह सीएम को जेल में होना बताया जा सकता है. सरकार बर्खास्त करने के बाद राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं. नियम के तहत सीएम ज्यादा दिनों तक जेल से सरकार नहीं चला सकते हैं. इस आधार पर दिल्ली में आर्टिकल 239AB के तहत राष्ट्रपति शासन लग सकता है. 

AAP के पास क्या हैं विकल्प? 

अब ये जान लिजिए कि दिल्ली की सरकार बचाने के लिए AAP के पास विकल्प क्या हैं. दिल्ली में राष्ट्रपति शासन से बचने के लिए आम आदमी पार्टी के पास एक ही विकल्प है और वो ये कि दिल्ली में किसी और को सीएम की गद्दी पर बिठाना होगा ताकि उनकी सरकार भी बची रहे और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन ना लगे. आपको ये भी बता दें कि केजरीवाल के जेल जाने के बाद से ही आम आदमी पार्टी में मुख्यमंत्री पद के लिए सुनीता केजरीवाल का नाम सामने आ रहा था.  मगर संजय सिंह के जेल से बाहर आने के बाद उनके नाम की भी चर्चा है. यानी AAP इन दो नामों में किसी एक का चुनाव कर सकती है. 

Trending news