Operation Chakravyuh: भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की जांच में आईएसआईएस की बड़ी साजिश सामने आई है. अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर ISIS के ठिकानों से भारत के युवाओं को बरगला कर उन्हें आतंकी संगठन में शामिल करने की कोशिशें हो रही हैं.
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Operation Chakravyuh: भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक अफ़ग़ानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर ISIS के ठिकानों से एक बार फिर से ISKP (ISIS खुरासान) माड्यूल को भारत में एक्टिवेट करने की लगातार साजिश रची जा रही है. ISKP माड्यूल को फिर से एक्टिवेट करने के लिए अफगानिस्तान-पाकिस्तान बार्डर पर आनलाइन रेडिकलाइजेशन का नया ग्रुप तैयार किया गया है. जिसके जरिये आतंकी संगठन भारतीय युवाओं को आतंक के राह में धकेलने की कोशिश में लगे हैं.
भारत के ऐसे युवाओं को टार्गेट किया जा रहा है जो डाक्टर, इंजीनियर जैसे क्षेत्र में पढ़ाई कर रहे हैं. देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी NIA की जांच में महाराष्ट्र, पुणे और केरल में इस माड्यूल के एक्टिव होने की जानकारी सामने आई है. पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से ये संवाद इंक्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्लीकेशन के जरिए हो रहा है. भारतीय एजेंसियों को शक है कि ISKP को मजबूत करने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI साथ दे रही है.
पिछले कुछ महीनों में आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित गिरफ्तार लोगों की पूछताछ से खौफनाक देशविरोधी साजिश का पर्दाफाश हुआ है. इस साजिश का केन्द्र बिंदु अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा है, जहां से आइएसआइएस का नया माड्यूल पनप रहा है.
इस माड्यूल ने भारत में केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और यूपी के युवाओं को अपना निशाना बनाया है. अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के गठन के बाद आईएसआईएस खोरसान विचारधारा से प्रभावित ये माड्यूल सिर्फ और सिर्फ आनलाइन रेडिकलाइजेशन के जरिए ही युवाओं को अपना निशाना बना रहा है. एनआईए सूत्रों के मुताबिक सिर्फ इंक्रिप्टेड मैसेजिंग एप्लीकेशन के जरिए ही ये माड्यूल संवाद कर रहा है. जिसे तोड़ने के लिए एजेंसी ने "ऑपेरशन चक्रव्यूह" शुरू किया है.
पिछले 6 महीनों में आईएसआईएस विचारधारा से प्रभावित दो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं. दोनों की पहचान फैजान अंसारी (अलीगढ़), डाक्टर अदनानाली सरकार (पुणे) के रूप में हुई है. इसके अलावा महाराष्ट्र में आईएसआईएस मॉड्यूल से प्रभावित आधा दर्जन लोग गिरफ्तार हुए हैं. इन तीनों मॉड्यूल के लोगों से पूछताछ के आधार पर आईएसआईएस की खौफनाक चाल का पता चला. जिसके बाद "ऑपेरशन चक्रव्यूह" तैयार किया गया.
ऑपरेशन "ऑपेरशन चक्रव्यूह" के दो अहम बिंदु हैं, पहला मैसेजिंग एप्लीकेशन की पहचान करना जो की पूरी तरीके से इंक्रिप्टेड है, दूसरा इन गिरफ्तार हुए लोगों के सहयोगियों की पहचान करना जो भारत में छुपे हुए हैं और आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित होकर अन्य युवाओं को भारत के खिलाफ तैयार कर रहे हैं. एनआईए के "ऑपेरशन चक्रव्यूह" में डीरेडिकलाइजेशन सेंटर पर भी खासा ध्यान दिया गया है. ऐसी भी रणनीति तैयार की जा रही है कि जो लोग गिरफ्तार हुए हैं उनकी काउंसिलिंग बेहतर ढंग से हो और वह दोबारा देश विरोधी तत्वों के जाल में न फंसे.