Dhirendra Shastri travel without ticket in train: बागेश्वर धाम वाले बाबा ने कहा, स्कूल के बच्चे उनसे आकर पूछते थे कि उनके परीक्षा में कितने नंबर आएंगे. मैं उसे कह देता था कि इस बार 55 आए हैं अगली बार मेहनत करो 60 परसेंट आएंगे.
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Dhirendra Shastri: 'चमत्कार' को लेकर हाल के दिनों में सुर्खियों में आए बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ट्रेन नें बगैर टिकट पकड़े जाने के सवाल पर एक इंटरव्यू में कहा कि ये भी दुनिया को बताना चाहिए कि मैं टीटी से 1100 रुपये लेकर लौटा था. इस पर उन्होंने आगे कहा, 'अपने वाईवाई के दम पर उसके बाप का नाम बताकर लेकर आए थे.'
उन्होंने कहा कि वो कोई भगवान नहीं हैं बल्कि एक आम इंसान हैं. बस उनके ऊपर बरजंग बली की कृपा है. पैसे और दान लेने के बात पर उन्होंने कहा कि दक्षिणा लेने की परंपरा तो महाभारत काल से चली आ रही है. वो उस परंपरा से आते हैं जिसमें अंगूठा तक दान में दिया गया था. उन्होंने कहा कि उनके दरबार में आने वाले भक्त प्रेम से जो कुछ देते हैं उसे वो प्रेम स्वरूप स्वीकार करते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि उन पैसों से लोगों की भालाई का काम किया जाता है.
कई मुस्लिम हैं मित्र
साई बाबा को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे साई बाबा या किसी भी संत से कोई मतलब नहीं है और न ही कोई बैर है. मुझे दिक्कत उन लोगों से हैं जो खुले मंच से संत और सनातनियों को मारने-काटने की बात करते हैं और उनके खिलाफ गाली-गलौज करते हैं. उन्होंने बताया कि आज भी 400 से 500 मुस्लिम परिवार उनके साथ हैं. उन्होंने यहां तक कहा कि उनके कई दोस्त मुस्लिम हैं और आज भी उनकी उनसे बात होती है.
स्कूल में बच्चों के बताते थे नंबर
उन्होंने बताया, 'दरबार तीन पीढ़ियों से लगा रहे हैं. दादा गुरुजी के समय से इसकी शुरुआत हुई थी. हम भी 11 साल से लगा रहे हैं.' उन्होंने अपने स्कूल का रोचक किस्सा सुनाते हुए कहा कि स्कूल के बच्चे उनसे आकर पूछते थे कि उनके परीक्षा में कितने नंबर आएंगे. मैं उसे कह देता था कि इस बार 55 आए हैं अगली बार मेहनत करो 60 परसेंट आएंगे.
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