Popular Front of India: जब PFI के मंच से देश के पूर्व रक्षा मंत्री ने दिया था भाषण, मनमोहन सरकार पर साधा था निशाना
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Popular Front of India: जब PFI के मंच से देश के पूर्व रक्षा मंत्री ने दिया था भाषण, मनमोहन सरकार पर साधा था निशाना

PFI Banned:  भारत मे हुए दंगों में PFI (Popular Front of India) की संलिप्तता पाए जाने के बाद भारत सरकार ने उसपर UAPA के तहत प्रतिबंध लगा दिया है. प्रतिबंध के कुछ ही घंटों में  PFI के केरल प्रान्त के महासचिव ने संगठन के भंग होने की जानकारी भी दे दी है.

 

Popular Front of India:  जब PFI के मंच से देश के पूर्व रक्षा मंत्री ने दिया था भाषण, मनमोहन सरकार पर साधा था निशाना

Former Defence Minister Mulayam Singh Yadav: बीते कई वर्षों से भारत मे हुए दंगों में PFI (Popular Front of India) की संलिप्तता पाए जाने के बाद आज भारत सरकार ने उसपर UAPA के तहत प्रतिबंध लगा दिया है. प्रतिबंध के कुछ ही घंटों में  PFI के केरल प्रान्त के महासचिव ने संगठन के भंग होने की जानकारी भी दे दी है. लेकिन क्या आपको पता है कि PFI की जड़ें इतनी मजबूर थीं कि आज से 11 साल पहले PFI ने देश की राजधानी दिल्ली के प्रसिद्ध रामलीला मैदान पर एक विशाल कार्यक्रम किया था और इस कार्यक्रम में देश के एक पूर्व रक्षा मंत्री ने ना सिर्फ भाग लिया था बल्कि मंच से भाषण भी दिया था.

मुलायम सिंह यादव ने दिया था भाषण

दिन था 27 नवंबर 2011 और जगह थी दिल्ली का रामलीला मैदान. हज़ारों की संख्या में PFI के कार्यकर्ता देश भर से इकट्ठा हुए थे और कार्यक्रम का नाम रखा गया था Social Justice Confrence. इस कार्यक्रम में देश के पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव भी मौजूद थे. 26 और 27 नवम्बर तक चले दो दिवसीय कार्यक्रम के सहारे PFI मांग कर रहा था कि भारत मे नौकरियों से लेकर राज्य के सदनों में मुसलमानों को उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. साथ ही आंतकी वारदातों में गिरफ्तार मुसलमानों को बेगुनाह बताते हुए PFI जांच एजेंसियों पर कार्यक्रम के दौरान सवाल उठा रहा था. इस पूरे कार्यक्रम में महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी अनीस अहमद संभाल रहा था जो आज PFI का राष्ट्रीय महासचिव है और PFI पर राष्ट्रव्यापी रेड के बाद पुलिस की गिरफ्त में है.

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PFI पर वर्ष 2003 से ही धार्मिक उन्माद फैलाने से लेकर हत्याएं करने और लव जिहाद फैलाने के आरोप लगते रहे हैं और साल 2010 में प्रोफेसर टी जे जोसेफ पर हमले के बाद PFI पर एक तरह से चरमपंथी होने की मुहर भी लग गयी थी लेकिन इन सबके बाद भी देश के पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ना सिर्फ 27 नवंबर 2011 को दिल्ली में आयोजित PFI के कार्यक्रम में शामिल हुए बल्कि उन्होंने मंच से भाषण भी दिया. PFI के कार्यक्रम के एजेंडे की ताल में ताल मिलाते हुए पूर्व रक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने मंच पर भाषण देते हुए कहा था कि मुसलमानों के प्रति मौजूदा UPA सरकार की मंशा ठीक नहीं है.

उन्होंने समितियों (सच्चर समिति) का गठन किया है और रिपोर्ट उनके सामने है, लेकिन वे उन्हें लागू करने से कतरा रहे हैं. PFI के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए मुलायम सिंह यादव आगे कहते हैं, हमें न्याय पाने के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाने की जरूरत है. अगर मुसलमान एकजुट और जाग्रत हुए तो सरकार उनकी मांगों को मानने के लिए मजबूर हो जाएगी.

जहां आज से 11 साल पहले मुलायम सिंह यादव PFI के कार्यक्रम में शामिल होकर मंच से भाषण दे रहे थे तो आज सपा के ही सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने PFI को पढ़े लिखे मुसलमानों का संगठन बताते हुए दावा किया कि क्योंकि PFI मुसलमानों के खिलाफ हो थी ज्यादतियों के खिलाफ आवाज उठाती है इस लिए भारत सरकार ने उसे बैन कर दिया. 

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