Irregularity Of Rain: सितंबर महीने में भारी बारिश (Heavy Rainfall) होने से लोग परेशान हैं और जानना चाहते हैं कि इसके पीछे का क्या कारण है. सितंबर में इतनी बारिश क्यों हो रही है.
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Rainfall Cause: देश के कई राज्यों में अभी भी बारिश (Rainfall) जारी है. दिल्ली और आसपास के शहरों में पिछले 3-4 दिन से बारिश हो रही है. भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश का पानी कई इलाकों में भर गया है. इसके कारण प्रशासन को कुछ जगहों पर स्कूलों को बंद करने का आदेश भी देना पड़ा. कई जगहों पर तो सड़कें बारिश के बाद जलमग्न हो गई हैं. ऐसे में लोगों को आने-जाने में भी परेशानी हो रही है. लेकिन इस बीच सबके मन में सवाल है कि मानसून का सीजन तो बीत चुका है, फिर सितंबर के महीने में इस बार इतनी ज्यादा बारिश क्यों हो रही हैं. आइए इसके पीछे की वजह के बारे में जानते हैं.
परेशानी का सबब बनी बारिश
वैसे तो सितंबर के महीने के पहले ही बारिश बंद हो जाती है, लेकिन इस बार बारिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. लोग हैरान हैं कि आखिर सितंबर के महीने में इतनी बारिश क्यों हो रही है. दरअसल देश के कई हिस्सों में बारिश का पैटर्न बदल रहा है. कई जगहों पर तो बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. हालांकि पिछले साल भी सितंबर के महीने में जमकर बारिश हुई थी.
सितंबर में क्यों हो रही इतनी बारिश?
सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि बारिश होने या ना होने के पीछे कई कारण होते हैं. कोई एक कारण बारिश के लिए जिम्मेदार नहीं होता है. मौसम वैज्ञानिकों का भी यही मानना है कि सितंबर महीने में हो रही बारिश के पीछे कोई एक तय कारण नहीं है. अलग-अलग इलाकों में बारिश की अलग-अलग वजहें हो सकती हैं. बता दें कि पिछले कुछ सालों से ला नीना को सितंबर में हो रही बारिश का कारण माना जा रहा है. दरअसल प्रशांत महासागर के मध्य में मौसम ठंडा होने के कारण मानसून वाली बारिश ज्यादा होने लगती है. मौसम विभाग के अनुसार, इस वक्त इक्वेटोरियल पैसिफिक रीजन में ला नीना की स्थिति है. अनुमान के अनुसार, ये हालात साल के आखिर तक रह सकते हैं. सर्दी के मौसम में भी इस साल बारिश होने की पूरी संभावना है.
ला नीना सिस्टम क्या है?
बता दें कि बारिश के पीछे मुख्य कारण तापमान और दबाव होते हैं. जब भी गर्मी बढ़ती है तो हवा का दबाव कम हो जाता है. इसकी वजह से हवा ऊपर की ओर उठ जाती है. इसके कारण अधिक दबाव वाले इलाके के बादल अपेक्षाकृत कम दबाव वाले क्षेत्र की तरफ आ जाते हैं और बारिश हो जाती है.
(इनपुट- अनुष्का गर्ग)
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