कूनो नेशनल पार्क चीतों के लिए क्यों बनता जा रहा 'डेथ जोन'? कैसे गई नन्हे चीते की जान?
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कूनो नेशनल पार्क चीतों के लिए क्यों बनता जा रहा 'डेथ जोन'? कैसे गई नन्हे चीते की जान?

Kuno National Park: कूनो नेशनल पार्क में नन्हे चीते की मौत ने संबंधित अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीर छोड़ दी है. नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने हाल ही में चार शावकों को जन्म दिया था. कूनो पार्क में इन चीतों की निगरानी करने वाली टीम ने 27 मार्च को चार शावकों में से एक को असाधारण रूप से कमजोर पाया. कुछ घंटे बाद कमजोर शावक की मौत हो गई.

कूनो नेशनल पार्क चीतों के लिए क्यों बनता जा रहा 'डेथ जोन'? कैसे गई नन्हे चीते की जान?

Kuno National Park: कूनो नेशनल पार्क में नन्हे चीते की मौत ने संबंधित अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीर छोड़ दी है. नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने हाल ही में चार शावकों को जन्म दिया था. कूनो पार्क में इन चीतों की निगरानी करने वाली टीम ने 27 मार्च को चार शावकों में से एक को असाधारण रूप से कमजोर पाया. कुछ घंटे बाद कमजोर शावक की मौत हो गई. अफ्रीका से स्थानांतरित किए गए 20 वयस्कों और बाद में कूनो में पैदा हुए चार शावकों में से दो महीने से कुछ अधिक समय में चीता की यह चौथी मौत है.

मध्य प्रदेश के मुख्य वन्यजीव वार्डन जे.एस. चौहान ने मौत और संदिग्ध निर्जलीकरण यानी डिहाइड्रेशन की पुष्टि की. चीता शावक जंगली परिस्थितियों में रह रहे हैं, अधिकांश दिनों में कूनो में दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहता है.

वन विभाग के सूत्रों ने कहा कि चार शावकों की मां को सुबह बीमार शावक के साथ बैठे देखा गया था, लेकिन फिर अन्य तीन शावकों के साथ चली गई. निगरानी टीम जब बाड़े में दाखिल हुई तो शावक बहुत कमजोर था और जल्द ही उसकी मौत हो गई. वन्यजीव अभयारण्य में पैदा हुए चारों शावकों में से ये शावक सबसे कमजोर बताया गया.

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अधिकारी ने कहा कि चीता शावकों के जंगल में जीवित रहने की 10-20 प्रतिशत संभावना है. आठ चीतों को नामीबिया से भारत लाया गया था और पिछले साल 17 सितंबर को कूनो में छोड़ा गया था. फरवरी में, दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाए गए, जिनमें से छह जंगल में हैं और शेष कूनो में विभिन्न बाड़ों में हैं.

27 मार्च को पहले चीता की मौत की सूचना मिली थी. मादा साशा की किडनी की बीमारी के कारण मौत हो गई थी. लगभग उसी समय सियाया के चार शावकों का जन्म हुआ. अप्रैल में, दक्षिण अफ्रीका के नर चीतों में से एक उदय की दिल से जुड़ी समस्याओं से मृत्यु हो गई. इससे पहले मई में दक्षिण अफ्रीका की एक मादा चीता, दक्ष, दो नरों के साथ लड़ाई के बाद मारी गई थी.

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