ZEE जानकारी: लोकसभा में हुई राफेल मुद्दे पर चर्चा
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ZEE जानकारी: लोकसभा में हुई राफेल मुद्दे पर चर्चा

कांग्रेस पिछले कई दिनों से रफाल पर चर्चा की मांग कर रही थी. और लगातार संसद में हंगामा कर रही थी. इसके बाद आज का दिन चर्चा के लिए चुना गया. और दोपहर 2 बजे से सदन में चर्चा शुरू हुई. 

ZEE जानकारी: लोकसभा में हुई राफेल मुद्दे पर चर्चा

आज लोकसभा में रफाल के मुद्दे पर चर्चा थी. कांग्रेस पिछले कई दिनों से रफाल पर चर्चा की मांग कर रही थी. और लगातार संसद में हंगामा कर रही थी. इसके बाद आज का दिन चर्चा के लिए चुना गया. और दोपहर 2 बजे से सदन में चर्चा शुरू हुई. कांग्रेस की तरफ से चर्चा की शुरुआत उनके अध्यक्ष राहुल गांधी ने की. और राहुल गांधी ने शुरुआत में ही एक सेल्फ गोल कर दिया. आज हम राहुल गांधी के इस सेल्फ गोल का संपूर्ण विश्लेषण करेंगे. लेकिन उससे पहले आपको आज लोकसभा के अंदर की कुछ तस्वीरें दिखाते हैं.

लोकसभा में आज यही सब हो रहा था. राहुल गांधी ने जैसे ही अपना भाषण खत्म किया, कांग्रेस पार्टी ने हंगामा करना शुरू कर दिया. सदन के नियमों को ताक पर रखकर रफाल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के सांसद.. स्कूल के बच्चों की तरह कागज़ के हवाई जहाज़ उड़ा रहे थे. सरकार की तरफ से राहुल गांधी को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब दिया.

अरुण जेटली ने जैसे ही चर्चा के दौरान बोफोर्स और ऑगस्टा वेस्टलैंड घोटाले में गांधी परिवार का नाम लिया, तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अपने सांसदों को वेल में जाने का इशारा कर दिया. कांग्रेस के सांसद लोकसभा के वेल में जाकर हंगामा करने लगे. सूत्रों के मुताबिक खुद सोनिया गांधी और राहुल गांधी कागज़ फाड़कर सांसदों को कागज़ के जहाज़ बनाने के लिए कह रहे थे. आप इन तस्वीरों में भी देख सकते हैं कि कांग्रेस के एक सांसद के हाथ में कागज़ का जहाज़ नज़र आ रहा है. 

इस पूरे हंगामे के दौरान हमारे संवाददाता, लोकसभा के अंदर मौजूद थे. कांग्रेस के सांसद सुनील जाखड़ और ज्योतिरादित्य सिंधिया.. कागज़ के जहाज़ बना रहे थे और बाकी के सांसद उन्हें सदन में उड़ा रहे थे. इसके बाद लोकसभा स्पीकर को भी कांग्रेस के सासंदों को डांटना पड़ा. 

कांग्रेस का ये रवैया दिखाता है कि वो रफाल के मुद्दे को लेकर कितनी गंभीर है. इससे ये भी समझ में आता है कि कांग्रेस के लिए रफाल सिर्फ एक चुनावी या राजनीतिक Gadget है. क्योंकि अगर कांग्रेस गंभीर होती, तो अपने लगाए हुए आरोपों का जवाब गंभीरता से सुनती. कल साल के पहले दिन जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंटरव्यू दिया था, तो उन्होंने भी कांग्रेस पर ऐसे ही आरोप लगाए थे.

प्रधानमंत्री ने कहा था कि रफाल के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी बार बार पत्थर फेंककर भाग जाती है. कल प्रधानमंत्री ने ये कहा और आज लोकसभा के अंदर.. कांग्रेस के व्यवहार से.. ये साबित हो गया .

अब राहुल गांधी के एक सेल्फ गोल की बात करते हैं. राहुल गांधी भारत की संसद के एक वरिष्ठ सदस्य हैं. वो 2004 से लगातार लोकसभा के सांसद हैं. ना जाने कितनी बार उन्होंने संसद की बहसों में हिस्सा होगा. लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें अभी तक संसद के नियमों की जानकारी नहीं है. आज लोकसभा में रफाल पर बहस के दौरान राहुल गांधी एक ऑडियो टेप सुनाना चाहते थे.

राहुल गांधी की पार्टी ने आज सुबह गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत प्रताप राणे का एक कथित ऑडियो टेप मीडिया के सामने जारी किया. और ये आरोप लगाया कि विश्वजीत प्रताप राणे ये दावा कर रहे हैं कि रफाल डील से जुड़ी जानकारियां मनोहर पर्रिकर के पास हैं. ये ऑडियो टेप राहुल गांधी संसद में सुनाना चाहते थे. लेकिन स्पीकर ने उन्हें इसकी इजाज़त नहीं दी. 

सरकार की तरफ से ये कहा गया कि क्या राहुल गांधी इस टेप की सत्यता की पुष्टि कर सकते हैं और क्या वो इसकी प्रमाणिकता की ज़िम्मेदारी लेते हैं? जब राहुल गांधी ये सवाल पूछे गये, तो वो ज़िम्मेदारी लेने से पीछे हट गए. 

अब सवाल ये है कि राहुल गांधी जब किसी आरोप की ज़िम्मेदारी ले नहीं सकते हैं तो फिर ऐसा आरोप लगाते ही क्यों हैं? अगर वो अपने आरोपों को पुख्ता मानते हैं, तो फिर उन्हें ज़िम्मेदारी से पीछे नहीं हटना चाहिए. यही बात रफाल के मुद्दे पर भी लागू होती है. अगर राहुल गांधी ये मानते हैं कि रफाल डील में घोटाला हुआ है, और उनके पास कोई सबूत है, तो वो उसे देश के सामने क्यों नहीं रखते. 

आज संसद में भी राहुल गांधी ने वही पुरानी बातें दोहराईं, जो पिछले डेढ़ वर्ष से वो अपनी चुनावी रैलियों में कह रहे हैं. उन्होंने आज फिर रफाल फाइटर एयरक्राफ्ट के दाम पर आपत्ति जताई. एक बार फिर उन्होंने सरकार पर उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया. और रफाल की जांच के लिए जेपीसी बनाने की मांग भी की. राहुल गांधी के हर आरोप का वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब दिया. और देश को ये बताया कि देश की सुरक्षा के लिए रफाल ज़रूरी क्यों है? इस पूरी बहस के दौरान दोनों पक्षों में नोंकझोंक भी हुई. 

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