ZEE जानकारीः पुरुषों की तुलना में महिलाएं driving के दौरान ज़्यादा Alert रहती हैं
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ZEE जानकारीः पुरुषों की तुलना में महिलाएं driving के दौरान ज़्यादा Alert रहती हैं

Driving Skills पर London में हुए एक रिसर्च में पाया गया कि driving के दौरान पुरूष ज़्यादा जोखिम लेते हैं 

ZEE जानकारीः पुरुषों की तुलना में महिलाएं driving के दौरान ज़्यादा Alert रहती हैं

हमारा अगला विश्लेषण उन लोगों को खासतौर पर देखना चाहिए जो ये समझते हैं कि संकट के समय में महिलाएं बहुत जल्दी हिम्मत छोड़ देती हैं और सही निर्णय नहीं ले पाती हैं . आज के दौर में गाड़ी चलाने से लेकर हवाई जहाज़ उड़ाने तक...सारे काम महिलाओं के लिए बहुत सामान्य हो गये हैं . लेकिन ज़्यादातर पुरुष इस बात से सहमत नहीं हैं . वो मानते हैं कि तकनीकी कार्यों के दौरान अगर अचानक कोई निर्णय लेना पड़ जाए तो महिलाएं घबरा जाती हैं और दुर्घटना हो जाती है. ऐसे लोगों को आज California से आया एक वीडियो बड़े ध्यान से देखना चाहिए . 

California में एक छोटे आकार के विमान में अचानक खराबी आ गई जिसकी वजह से उसे .....सड़क पर चल रहे ट्रैफिक के बीच उतारना पड़ा . इस विमान को एक महिला ट्रेनी पायलट उड़ा रही थी . California के Airport से उड़ने के बाद इस महिला पायलट को ये अहसास हो गया कि विमान के इंजन में ख़राबी आ चुकी है और अब इसे वापस एयरपोर्ट तक नहीं ले जाया जा सकता . इसके बाद पायलट ने सड़क पर Emergency landing का निर्णय लिया ..जो पूरी तरह सुरक्षित साबित हुआ . 

इसे पूरे मामले में देखने वाली बात ये है कि विमान की पायलट बिल्कुल भी नहीं घबराई और सकंट के समय में....उसने बड़े धैर्य के साथ काम लिया . ये वीडियो उन महिलाओं के लिए एक बड़ी सीख है जिन्हें सड़कों पर गाड़ी चलाते हुए पुरुषों से आलोचना झेलनी पड़ती है . दुनिया के ज़्यादातार लोग ये मानते हैं कि ड्राइविंग के मामले महिलाएं Confused रहती हैं जिसकी वजह से सड़क पर दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है. पुरुषों को लगता है कि गाड़ी चलाने के दौरान....दूरी..गति और ब्रेक लगाने से जुड़े हुए निर्णय अचानक लेने होते हैं. और महिलाएं इसमें फेल हो जाती हैं . अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आपकी ये सोच गलत है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक पुरुषों की तुलना में महिला ड्राइवर्स बेहतर होती हैं . 

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने वर्ष 2017 में ट्रैफिक नियम तोड़ने के लिए कुल 26 लाख चालान काटे थे, जिनमें महिलाओं के खिलाफ सिर्फ 600 चालान थे. Over speeding की वजह से पिछले साल 1 लाख 39 हज़ार लोगों के चालान काटे गये जिनमें सिर्फ़ 514 महिलाएं थीं . Traffic signal को jump करने के मामले में ट्रैफिक पुलिस ने करीब 1 लाख 67 हज़ार लोगों के चालान काटे जिनमें सिर्फ 44 चालान महिलाओं के थे. इन आकंड़ों के मुताबिक महिला ड्राइवर..पुरुषों की तुलना में नियमों का ज़्यादा पालन करती हैं . 

लेकिन पुरुषों की सोच ये है कि महिलाएं ऐसा डरपोक होने की वजह से करती हैं. परेशानी की बात ये है कि हमारे देश में एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो नियमों को तोड़ना अपनी शान समझता है. इस साल मई के महीने तक Over speeding के 49 हज़ार चालान काटे जा चुके हैं जिनमें सिर्फ़ 123 महिलाएं शामिल थी हालांकि देश में गाड़ी चलाने के मामले में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की संख्या बहुत ज़्यादा है . 

दिल्ली में 71 पुरुष ड्राइवर्स की तुलना में एक महिला ड्राइवर है. जबकि चालान के मामले में ये संख्या 400 गुना से ज़्यादा है . ऐसा नहीं है कि Driving के मामले में सिर्फ़ भारतीय महिलाओं का मज़ाक उड़ाया जाता है . दुनिया के कई देशों में महिलाओं की ड्राइविंग के प्रति लोगों की यही राय है .  लेकिन रिसर्च कुछ और ही कहता है. Norway में हुए एक रिसर्च के मुताबिक ड्राइविंग करते समय ध्यान भंग होने की समस्या पुरुषों में ज़्यादा होती है जबकि महिलाएं driving के दौरान ज़्यादा Alert रहती हैं .  

Driving Skills पर London में हुए एक रिसर्च में पाया गया कि driving के दौरान पुरूष ज़्यादा जोखिम लेते हैं . Overtake के दौरान पुरुष ड्राइवर अपनी कार को दूसरी कार के बहुत करीब से निकालते हैं . इसके अलावा महिलाओं की तुलना में पुरुष..... गाड़ी चलाते हुए फोन का ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं . यानी पुरुषों की तुलना में महिलाएं...ज़िम्मेदार ड्राइवर होती हैं.

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