बिहार के 40 लोकसभा सीटों में एक किशनगंज पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल और पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश की सीमाओं से सटा हुआ है. जिला और लोकसभा मुख्यालय किशनगंज में मुस्लिम आबादी करीब 70 फीसदी है. मुस्लिम आबादी ही इस लोकसभा सीट पर जीत तय करते हैं. मुस्लिम आबादी में सूरजापुरी फिरके का दबदबा रहता है. जिले में अल्पसंख्यक हिंदुओं में जातीय आधार पर यादव, सहनी, शर्मा, पासवान, रविदास, आदिवासी, बाह्रमण, मारवाड़ी और पंजाबी हैं. इसलिए चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टी किशनगंज में मुस्लिम उम्मीदवारों को प्राथमिकता देती है. लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार में एनडीए ने कुल 40 में से 39 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. उस दौरान बिहार में इकलौती किशनगंज सीट ही एनडीए नहीं जीत पाई. इसलिए मुस्लिम बहुल किशनगंज लोकसभा सीट को बिहार में कांग्रेस का गढ़ माना जाता है.
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