Female Infertility: इन दो कारणों की वजह से कमजोर हो रहीं महिलाओं की कोख, नहीं दिया ध्यान तो कभी नहीं बन पाएंगी मां!
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Female Infertility: इन दो कारणों की वजह से कमजोर हो रहीं महिलाओं की कोख, नहीं दिया ध्यान तो कभी नहीं बन पाएंगी मां!

आज की बदलती लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान ने महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाला है. खासतौर पर महिलाओं की प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी) पर इनका गहरा प्रभाव पड़ रहा है.

Female Infertility: इन दो कारणों की वजह से कमजोर हो रहीं महिलाओं की कोख, नहीं दिया ध्यान तो कभी नहीं बन पाएंगी मां!

आज की बदलती लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान ने महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाला है. खासतौर पर महिलाओं की प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी) पर इनका गहरा प्रभाव पड़ रहा है. महिलाओं की कोख समय से पहले कमजोर हो रही है और इसका प्रमुख कारण है मोटापा और जंकफूड. अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो कई महिलाएं कभी मां बनने का सुख नहीं पा सकेंगी.

केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) के महिला रोग अस्पताल, क्वीनमेरी की ओपीडी में किए गए एक सर्वे में यह चिंताजनक तथ्य सामने आया है. इस सर्वे में पाया गया कि ज्यादा वजन और लंबे समय तक फास्टफूड खाने से महिलाओं का अंडाशय (ओवरी) कमजोर हो रहा है, जिससे गर्भधारण में कठिनाई हो रही है.

क्या कहती है रिसर्च?
क्वीनमेरी अस्पताल की विभागाध्यक्ष डॉ. अंजू अग्रवाल के अनुसार, फर्टिलिटी ओपीडी में आने वाली हर 150 महिलाओं में से लगभग 50 महिलाओं का अंडाशय कमजोर पाया गया है. ये महिलाएं 30 से 40 साल की उम्र की हैं, लेकिन इनके अंडाशय 50 से 55 वर्ष की उम्र वाली महिलाओं की तरह कमजोर हो गए हैं. इसका मुख्य कारण महिलाओं में बढ़ता मोटापा, अनहेल्दी खानपान और लाइफस्टाइल में आ रहे बदलाव हैं. इसके अलावा, ऑफिस का तनाव भी इस समस्या को और गंभीर बना रहा है. कुछ मामलों में देखा गया है कि आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) के दौरान दी जाने वाली दवाएं भी अंडाशय को नुकसान पहुंचा रही हैं, जिससे महिलाओं में गर्भधारण की संभावना और भी कम हो जाती है.

समय से पहले हो रहा प्री-मेनोपॉज
डॉ. अंजू अग्रवाल ने बताया कि 30 से 40 साल की उम्र में ही कई महिलाओं में प्री-मेनोपॉज की स्थिति देखी जा रही है. इस स्थिति में महिलाओं के अंडाशय में अंडे बनने की प्रक्रिया बंद हो जाती है और उनकी फर्टिलिटी पूरी तरह से प्रभावित हो जाती है. यह एक गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि आमतौर पर यह स्थिति किसी बीमारी जैसे कैंसर के कारण होती है, लेकिन अब बिना किसी गंभीर बीमारी के भी यह स्थिति उत्पन्न हो रही है.

कैसे करें बचाव?
मोटापा काबू में रखें: नियमित रूप से व्यायाम करें और स्वस्थ वजन बनाए रखें.
बैलेंस डाइट लें: पौष्टिक आहार का सेवन करें, जिसमें ताजे फल, सब्जियां और प्रोटीन शामिल हों.
जंकफूड से बचें: फास्टफूड और ज्यादा तेल, नमक और चीनी से भरपूर चीजों से दूरी बनाएं.
तनाव से बचें: योग, ध्यान और अन्य शारीरिक एक्टिविटी को अपनाएं, जो मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने में मदद करें.

नतीजे गंभीर हो सकते हैं
यदि महिलाएं समय रहते इन बातों पर ध्यान नहीं देती हैं, तो इसका सीधा असर उनकी फर्टिलिटी पर पड़ सकता है. अंडाशय के कमजोर होने से बांझपन का खतरा बढ़ जाता है और गर्भधारण करना लगभग असंभव हो सकता है. इसलिए, महिलाओं को चाहिए कि वे अपने खानपान, लाइफस्टाइल और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें ताकि उनकी फर्टिलिटी बनी रहे और वे भविष्य में मां बनने के सपने को साकार कर सकें.

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