Low Fertility Rate: आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में प्रजनन दर में आई कमी एक गंभीर मुद्दा है. यदि यह स्थिति ऐसी ही बनी रही, तो इसके गंभीर परिणाम समाज पर पड़ सकते हैं.
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Decreasing Child Birth Rate In India: भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है. 2024 के आंकड़ों के अनुसार, यहां कुल जनसंख्या 1,441,719,852 है. लेकिन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने नागरिकों से अधिक बच्चों को जन्म देने की अपील की है.
इसकी वजह है लगातार घट रही देश में प्रजनन दर. आसान शब्दों में कहे तो लोग अब बच्चे पैदा नहीं कर रहे हैं, जिससे देश में अधिक उम्र वालों की संख्या की तुलना में युवा कम हो रहे हैं. बता दें कि आंध्र प्रदेश में प्रजनन दर 2018-19 में 1.9 से घटकर 2022-23 में 1.7 तक पहुंच गई है, जबकि तमिलनाडु में यह दर 2.5 से घटकर 1.8 हो गई है.
देश में तेजी से घट रहा फर्टिलिटी रेट
लेसेंट में छपी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में फर्टिलिटी रेट लगातार कम हो रहा है. 1958 में जहां एक महिला 6.18 बच्चे पैदा करती थी वहीं अब ये संख्या 2050 तक 1.29 पहुंचने वाली है. अभी यह फर्टिलिटी रेट लेवल 2.1 है.
फर्टिलिटी रेट के अनुसार राज्यों की लिस्ट-
उच्च प्रजनन दर वाले राज्य
बिहार- 3.0
उत्तर प्रदेश- 2.7
मध्य प्रदेश- 2.9
राजस्थान- 2.5
छत्तीसगढ़- 2.3
झारखंड- 2.2
असम- 2.2
ओडिशा-2.1
मध्यम प्रजनन दर वाले राज्य
गुजरात- 2.0
महाराष्ट्र- 2.0
पंजाब- 1.6
उत्तराखंड- 2.1
हरियाणा- 2.1
त्रिपुरा- 1.8
तमिलनाडु- 1.5
आंध्र प्रदेश- 1.7
निम्न प्रजनन दर वाले राज्य
कर्नाटक-1.9
दिल्ली- 1.7
हिमाचल प्रदेश- 1.8
केरल- 1.6
जम्मू और कश्मीर- 2.0
सिक्किम- 1.6
मेघालय- 2.5
मणिपुर- 2.3
नागालैंड- 2.1
अरुणाचल प्रदेश- 2.3
अंडमान और निकोबार द्वीप- 1.6
पुडुचेरी- 1.5
लो फर्टिलिटी रेट का सामाजिक प्रभाव
इस प्रजनन दर में कमी का समाज पर व्यापक प्रभाव हो सकता है. इससे बूढ़े लोगों की जनसंख्या में वृद्धि और श्रम शक्ति में कमी हो सकती है. यह दीर्घकालिक विकास के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि युवा जनसंख्या किसी भी देश की आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होती है.
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