उत्तर प्रदेश के उन्नाव संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019) के लिए 29 अप्रैल को मतदान होगा. 29 अप्रैल को 21.64 लाख मतदाता तय करेंगे कि अगले पांच साल तक उनका प्रतिनिधित्व कौन सी पार्टी का उम्मीदवार करेगा.
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उन्नाव: मौका भले ही डॉक्टर साहब के बेटे की शादी का था, लेकिन यहां चर्चा लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019) को लेकर गर्म थी. ज्यादातर बाराती छोटी-छोटी टोलियों में चुनावी चकचक में लगे पड़े थे. यहां हर शख्स के अपने चुनाव समीकरण थे, इन्हीं समीकरणों के आधार पर वे सरकार बना और गिरा रहे थे. इसी बीच, हमारी निगाह कांग्रेस प्रदेश कार्यकारणी के सदस्य दिनेश शुक्ला पर पड़ी. शुक्ला जी के कद के मुताबिक उनकी टेबल पर चुनावी चर्चा की गर्माहट औरों से कुछ ज्यादा थी. लिहाजा, हमने भी अपना रुख अब शुक्ला जी की टेबल की तरफ कर लिया.
चुनावनामा में हम उन्नाव की चुनावी चकचक पर बात करें, इससे पहले आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 21.64 लाख मतदाता आते हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में उन्नाव संसदीय क्षेत्र में करीब करीब त्रिकोणीय मुकाबला है. यहां बीजेपी से वर्तमान सांसद साक्षी महाराज और कांग्रेस से पूर्व सांसद अन्नू टंडन चुनावी मैदान में हैं. उन्नाव संसदीय क्षेत्र से सपा-बसपा गठबंधन ने पहले पूजा पाल को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन बाद में गठबंधन की तरफ से पूजा पाल की जगह अरुण शंकर शुक्ला उर्फ अन्ना महाराज को चुनावी मैदान में उतारा गया है.
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खैर अब चर्चा उन्नाव की चुनावी चकचक की करते हैं. जब हम टेबल के करीब पहुंचे तो दिनेश शुक्ला कांग्रेस की प्रत्याशी अन्नू टंडन की शान में कसीदे पढ़ रहे थे. उनका कहना था कि अन्नू टंडन से व्यवहार कुशल कोई प्रत्याशी कोई पूरे क्षेत्र में हो तो बताइएं. अकेली वही हैं कि चाहे घर में कोई खुशी हो या कोई गम हो, या तो वो पहुंचेगी, या फिर उनका कोई प्रतिनिधि पहुंचेगा. इलाके का एक ऐसा गरीब परिवार बता दो, जिसकी बिटिया की शादी में अन्नू टंडन न पहुंची हो. हमें किसी से कोई मतलब नहीं, हम तो उसी को जिताएंगे , जिसको हमारी फिक्र है.
शुक्ला जी की बात सुनकर बॉबी भैया बिगड़ गए. कहा जाता है कि कानपुर के पी रोड में पर्दे की दुकान चलाने वाले बॉबी अवस्थी उर्फ बॉबी भैया बीजेपी के बड़े समर्थक हैं. बॉबी भैया बोले, का दादा आप अन्नू टंडन की राग गाए पड़े हैं. अन्नू टंडन जीतौ जाएं तो का बदल जाई. देखो, कांग्रेस का सत्ता में आना नहीं है. फिर पांच साल एक ही रोना रोइहैं, कि न हमार सरकार केंद्र मा है और ना राज्य मा. अब हम का करी. देखो मोदी से बढि़या प्रधानमंत्री कोई और न मिली. अब मोदी का पीए बनाएक है तो उन्नाव से साक्षी महराज का जिताएं का पड़ी.
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बॉबी भैया की बात सुनकर प्रवीण द्विवेदी भमक (गुस्सा) पड़े. प्रवीण बोले, का बॉबी चाचा, तुम्है मोदी के अलावा कुछउ दिखात है. कउन मुंहे से साक्षी महराज का वोट देई. या बताओ, पांच साल बाभन (ब्राह्मण) का गाली देए के अलावा कुछ किहिन हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव याद करो, साक्षी साफ बोले रहे हैं कि हमें बाभन का वोट नहीं चाही. फिर अब कहे हम उनका बोट देई. हम तो अन्ना महराज का वोट देबे. हमही नहीं, इलाका का करीब 30 परसेंट से ज्यादा बाभन है जो अन्ना महाराज के साथ जई. इतना बाभन इनके साथ आ गा, फिर जीतै से उनका कोऊ न रोकी.
अब बारी शुक्ला जी की थी. शुक्ला जी बोले, कहां से अन्ना महराज जीत जाएंगे. अल्पसंख्यकों के वोट के बिना अन्ना महाराज जीत जाएंगे चुनाव. देखो हम तुमका तीन बात बता देई. पहली कि उन्नाव का अल्पसंख्यक हमेशा से कांग्रेस की तरफ रहा है. दूसरा, बीएसपी का वोटर अभी भी सपा को वोट देने से डर रहा है. तीसरी, बीएसपी का वोट आज भी बाह्मण को पसंद नहीं करता है. अन्ना महाराज भी ब्राह्मण है. अब, अल्पसंख्यक और पिछड़े वोट के बिना इलाके में अन्ना कैसे जीतेंगे. हम बता दें कि पूजा पाल का टिकट कटने से इलाके का 1.5 लाख पाल वोट भी सपा से नाराज है.
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शुक्ला जी की बात सुनकर बॉबी भैया के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई. बोले, दादा ये बताओं कि नाराज पाल वोट कहां जाएगा. हम आपको बताइत है. पाल वोट हमेशा से बीजेपी का रहा है. जब पूजा पाल का सपा से टिकट मिला, तब पूरा का पूरा पाल वोट सपा में चला गा. अन्ना महाराज का टिकट मिलै से, पाल का डेढ़ लाख वोट सीधे बीजेपी को खाते में आ गा. अब इलाके में 2.5 लाख वोट लोधी समाज का है, जो सीधे-सीधे बीजेपी का जई. उधर, सेंगर की अपील के बाद ठकुरन का पूरा वोट बीजेपी की तरफ आ गया है. इत्ता वोट पावैं के बादव अब साक्षी यहां से न जितिहैं.
बॉबी भइया की बात सुन प्रवीण फिर अनबनाए. बोले, पूरा इलाका जानत है कि अन्ना महाराज यारन का यार हैं. एक फोन कर देओ, लखनऊ से भागत चले अइहै. चाहे रात के 12 काहे न बजे होए. यहां साक्षी महाराज से मिलब दूभर है. पांच साल में साक्षी महाराज तुम्हैं कित्ती बार उन्नाव मा दिखे हैं. एक बात और तुमका बता देई कि इलाके मा डेढ लाख अल्पसंख्यक है. पूरा का पूरा वोट एक तरफा अन्ना महाराज का मिली. पिछली बार अन्नू टंडन के जमानत जब्त हुई रही है, इ बार भी उनके जमानत फिर जब्त होई और साक्षी महाराज अब जीतै का ख्वाब छोड़ देंई.
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इस चुनावी चकचक में यह तो साफ नहीं था कि उन्नाव में हवा किसके पक्ष में है. 29 अप्रैल को सभी मतदाता अपना फैसला ईवीएम में कैद कर देंगे. अब हमें 23 मई को ही पता चलेगा कि उन्नाव की सांसदी दोबारा साक्षी महाराज को मिलती है या बाजी अन्नू टंडन या अन्ना महाराज के हाथों में आती है.