देश के में पहली बार एक सीट पर 3 चरणों में होगा चुनाव, जानिए क्‍यों होगा ऐसा?
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देश के में पहली बार एक सीट पर 3 चरणों में होगा चुनाव, जानिए क्‍यों होगा ऐसा?


अनंतनाग लोकसभा सीट पर मतदान तीन चरणों में क्यों होगा
देश के चुनावी इतहास में यह पहली बार होगा

अनंतनाग समेत पूरे कश्‍मीर में जमात-ए-इस्‍लामी पर बैन से वोट‍िंग पर असर पड़ेगा. फोटो : आईएएनएस

श्रीनगर: आम चुनाव 2019 की तारीखों का ऐलान हो चुका है. कश्‍मीर में अनंतनाग ऐसी सीट है, जहां तीन चरणों में चुनाव होगा. देश में ऐसा पहली बार होगा, जब एक सीट पर तीन चरणाें में चुनाव होगा. अनंतनाग के हालात को देखते हुए यहां पर तीन चरणों में चुनाव होंगे. अगर अनंतनाग के हालात पर नजर डालें तो पता चलेगा कि यहां पर 3 चरणों में चुनाव क्‍यों कराया गया है.

दक्षिणी कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकी बुरहान वानी की मौत से 2016 में घाटी में जो हिंसा और प्रदर्शनों का दौर जो उत्पन हुआ. इस स्‍थ‍िति‍ का पूरा फ़ायदा पाकिस्तान और पाकिस्तान के इशारों पर घाटी में आतंकवाद चलाने वालों ने उठाया है. पिछले तीन वर्षों में कश्मीर में 580 से अधिक आतंकी दक्षिणी कश्मीर में मारे गए हैं.

अनंतनाग में लंबे समय से नहीं हो पाई कोई बड़ी रैली...
इनमें 90% आतंकी दक्षिणी कश्मीर के स्‍थानीय युवा थे. इसी कारण इनके जनाजों में उनके समर्थन में हज़ारों लोग भी देखे गए. मुठभेड़ स्‍थलों पर सैकड़ों पत्‍थरबाज सुरक्षाबलों के आंतक विरोधी अभियानों में बाधा डालने की कोशिश करते रहे. इससे निपटने में जो कार्रवाई हुई, उसमें पिछले तीन सालों में करीब 260 आम लोगों की मौत हुई. दक्षिणी कश्मीर का पुलवामा और शोपियां जिला आतंकियों का मुख्‍यालय माना जाता है. आज, इस क्षेत्र में मुख्यधारा की पार्टियों का पहुंचना मुश्‍किल हो गया है. 2016 से अब तक इन इलाकों में कोई बड़ी राजनीतिक रैलियां आयोजित नहीं की गई है. हाल ही में हुए स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान, इस क्षेत्र में  बहिष्कार देखा गया.

इस कारण रद्द करना पड़ा था उपचुनाव
हालत इतने बिगड़ गए कि अधिकारियों ने पिछले साल अनंतनाग लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव रद्द करने का फैसला किया. राज्य में यह पहली बार हुआ था जब महबूबा मुफ्ती राज्य की राजनीति में लौटने के बाद खाली हुए इस लोकसभा क्षेत्र पर उपचुनाव रद्द करने के लिए सरकार मजबूर हुई थी. क्‍योंकि दक्षिणी कश्मीर के मुकाबले कम प्रभावित सेन्ट्रल कश्मीर के लोकसभा क्षेत्र में हुए चुनावों में केवल 7% मतदान दर्ज हुआ था.  सरकार ने इसके बाद यह अनुमान लगाया कि अगर दक्षिणी कश्मीर में चुनाव होते है तो वहां मतदान ना के बराबर हो सकता है. ऐसा होने पर अलगाववादियों और आतंकियों की जीत होती.

राजनी‍त‍िक विशेषज्ञ इस फैसले को मानते हैं गलत
आज इस क्षेत्र पर 3 चरणों में चुनाव करवाने के फैसले को राजनीतिक विशेषज्ञ राज्य की राजनीति के लिए घातक बताते हैं. वे मानते हैं कि इसे लोकतांत्र‍िक प्रक्रिया पर असर पड़ेगा. उनका कहना है कि पिछले दो हफ़्तों में जो कार्रवाई हुई है, उनसे भी चुनाव आयोग को यह लग रहा है कि मतदान में कमी होगी. पुलवामा और कुलगाम ऐसे इलाके हैं, जहां जमात-ए -इस्लाम काफी मजबूत है. उन पर लगे प्रतबंध के कारण मतदान में गिरावट हो सकती है.  वहीं सुक्षा प्रबंधों के लिए भी भारी मात्रा में सुरक्षाबलों की मतदान के दिन ज़रूरत पड़ सकती है. यह इलाका काफी फैला हुआ है. खासकर शोपियाँ और कुलगाम. यहां बेहद दूर दराज़ के इलाके हैं और आतंक प्रभावित हैं.  अगर सुरक्षा की कमी रही तो मतदाता चाहते हुए भी मतदान नहीं कर पाएगा.  

फारुख अब्‍दुल्‍ला ने उठाए सवाल
राजनीति‍क विशेषज्ञ रशीद राहिल कहते हैं, "मैं समझता हूं कि तीन फ़ैज़ में एक सीट का चुनाव किया जा रहा है इस का बुरा असर राजनीत‍िक कार्यकर्ताओं और राजनेताओं पर पड़ेगा.  यह है यह टफ स्‍थ‍िति है."  बुरहान वानी के बाद इस क्षेत्र में हिंसा काफी हुई है. यह भी एक बड़ा मसला है कि चुनाव आयोग के लिए जिसके कारण वो तीन चरणों में चुनाव करवा रहा है.'

नेशनल कांफ्रेंस अध्‍यक्ष फारुख अब्दुल्ला कहते हैं "चुनाव आयोग छत्तीसघढ़ में चुनाव कर सकता है. अब आप खुद देखिये यह जो अनंतनाग का चुनाव है उसे तीन बार में किया जा रहा है. अभी भी कहते है कि सब ठीक है. इनको सिंगल फ़ैज़ में चुनाव कराने चाहिए थे. अगर इन में दम था इनमें दम नहीं है." 

गौरतलब है कि आयोग ने अनंतनाग लोकसभा सीट पर तीन चरणों में चुनाव कराने का फैसला किया है. निर्वाचन क्षेत्र में अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां और पुलवामा आते हैं. घाटी के तीन संसदीय क्षेत्रों में से एक है. अनंतनाग 23 अप्रैल को तीसरे चरण के तहत मतदान होगा, कुलगाम 29 अप्रैल को 4 वें चरण के दौरान मतदान होगा. पुलवामा और शोपियां के जिलों के चुनाव 6 मई को, 5 वें चरण के तहत मतदान होंगे.

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