हावेरी: कर्नाटक की हावेरी लोकसभा सीट पर बीजेपी लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने की कोशिश में है. बीजेपी ने अपने दो बार के सांसद सूर्यकुमार उदासी को ही मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने इस बार रणनीति बदलते हुए सलीम अहमद की जगह डीआर पाटिल को अपना उम्मीदवार बनाया है. इससे पहले 2009 और 2014 में सूर्यकुमार उदासी ने सलीम अहमद को मैदान में उतारा था, दोनों ही बार उदासी ने उन्हें मात दी. अब कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार डीआर पाटिल को बनाया है.
2008 में हुए परिसीमन के बाद ही अस्तित्व में आई है. इसके पहले यह क्षेत्र धारवाड़ उत्तर, धारवाड़ दक्षिण और बागलकोट लोकसभा के अंतर्गत बंटा हुआ था. इस लोकसभा सीट पर 2009 में पहली बार चुनाव हुए और तब से लेकर लगातार दो बार बीजेपी ने हावेरी लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की है. दोनों ही चुनावों में यहां से बीजेपी के शिवकुमार उदासी को जीत मिली है. हावेरी नाम दो कन्नड़ शब्दों से मिलकर बना है 'हावू' और 'केरी' जिसका मतलब है सांपों का स्थान.
दोनों बार कांग्रेस जेडीएस से ज्यादा वोट बीजेपी को मिले
हावेरी लोकसभा सीट पर सिर्फ दो बार 2009 और 2014 में चुनाव हुए हैं. इन दोनों चुनावों में बीजेपी को कांग्रेस जेडीएस से ज्यादा वोट मिले. दोनों ही चुनावों में यहां से बीजेपी के शिवकुमार उदासी को जीत मिली है. हावेरी में हुए पहले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उदासी ने कांग्रेस के सलीम अहमद को करीब 88 हजार वोटों से हराया था. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में फिर से शिवकुमार को जीत मिली और उन्होंने फिर से सलीम अहमद को ही 87571 वोटों से हराया. इस लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें भी आती हैं.
हावेरी में 21.11 लाख है. इस सीट के अंतर्गत रहने वाली कुल आबादी की 72 फीसदी जनता ग्रामीण और 28 फीसदी जनता शहरी क्षेत्र के अंतर्गत आती है. यहां अनुसूचित जाति वर्ग की आबादी कुल का 15.38 फीसदी है और अनुसूचित जनजाति की आबादी 8.07 फीसदी है.
पिछले लोकसभा चुनाव में हावेरी सीट से बीजेपी के शिवकुमार उदासी को जीत मिली थी. उन्होंने कांग्रेस के सलीम अहमद को 87571 वोटों से हराया था. इस चुनाव में शिवकुमार को 5,66,790 वोट मिले जबकि कांग्रेस के अहमद को 4,79,219 वोट मिले थे. इस चुनाव में करीब 51 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. पिछली बार हावेरी सीट से जेडीएस, आम आदमी पार्टी और बसपा ने भी चुनाव लड़ा था लेकिन इन दलों एक फीसदी से कम ही वोट हासिल हुए थे.