हमीरपुर लोकसभा सीट : मोदी लहर में BJP की हुई थी वापसी, इस बार कांटे की लड़ाई
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हमीरपुर लोकसभा सीट : मोदी लहर में BJP की हुई थी वापसी, इस बार कांटे की लड़ाई

पिछले 30 वर्षो में केवल एक बार इस सीट पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस ने पूर्व एथलीट और पांच बार विधायक रह चुके रामलाल ठाकुर को पूर्व बीसीसीआई प्रमुख अनुराग ठाकुर के खिलाफ मैदान में उतारा है.

हमीरपुर लोकसभा सीट : मोदी लहर में BJP की हुई थी वापसी, इस बार कांटे की लड़ाई

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के युवा सांसद और राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय क्रिकेट संस्थाओं के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को अपनी पार्टी के गढ़ हमीरपुर संसदीय सीट से अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा. तीन बार सांसद रह चुके ठाकुर, कांग्रेस से मिल रही कड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं. पिछले 30 वर्षो में केवल एक बार इस सीट पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस ने पूर्व एथलीट और पांच बार विधायक रह चुके रामलाल ठाकुर को पूर्व बीसीसीआई प्रमुख अनुराग ठाकुर के खिलाफ मैदान में उतारा है.

भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के अध्यक्ष रहे 44 वर्षीय अनुराग ठाकुर ने बताया, "पिछले एक साल से मैं केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही ध्यान दे रहा हूं. मैं संसद सत्र के वक्त को छोड़कर बाकी पूरे समय निर्वाचन क्षेत्र में रहा और लोगों से मुलाकात की. संसद सत्र में मेरी 85 फीसदी से ज्यादा उपस्थिति है."

तीन सीटों पर भी आक्रमक प्रचार
राज्य की तीन अन्य सीटों शिमला (आरक्षित), कांगड़ा और मंडी के मुकाबले इस सीट पर ज्यादा आक्रामक तरीके से प्रचार अभियान चल रहा है. पिछली छह कांग्रेस सरकारों का नेतृत्व कर चुके व 'राजा साहब' के नाम से प्रसिद्ध वीरभद्र सिंह भाजपा से यह सीट छीनने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं. ठीक उसकी तरह उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके प्रेम कुमार धूमल अपना अधिकांस वक्त और ऊर्जा इसी क्षेत्र में लगा रहे हैं, ताकि सुनिश्चित कर सकें कि उनका बेटा चौथी बार यहां से सांसद बन जाए.

ठाकुर ने कहा, "मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने (वीरभद्र सिंह) हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) को काफी नुकसान पहुंचाया था. उन्होंने तो एक समानांतर क्रिकेट संघ बना लिया था, जो कि विफल रहा. एचपीसीए द्वारा किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया. इसके खिलाफ मामले केवल राजनीतिक प्रकृति के हैं और हम विभिन्न अदालतों से आरोपमुक्त होकर आ चुके हैं."

मकसद खेल संघों पर नियंत्रण बढ़ाना
अनुराग ने कहा, "पिछली कांग्रेस सरकार एक खेल विधेयक भी लाई थी, जिससे उसका मकसद खेल संघों पर नियंत्रण बढ़ाना था." पार्टी के भीतर अक्सर वंशवाद की राजनीति का लाभ लेने के आरोपों का सामना करने वाले ठाकुर ने कहा, "यह किसी के हाथ में नहीं है कि वह फैसला करे कि उसे किसके घर में जन्म लेना है. मेरे पिता (प्रेम कुमार धूमल) ने हिमाचल प्रदेश के लोगों के कल्याण के लिए अपना जीवन समíपत कर दिया और इसके लिए मुझे गर्व है."

उन्होंने कहा, "कांग्रेस की बदले की राजनीति ने मुझे राजनीति में आने के लिए मजबूर किया." राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नैना देवी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक कांग्रेस के 67 वर्षीय रामलाल ठाकुर, अनुराग ठाकुर के खिलाफ एक मजबूत राजनेता साबित हो सकते हैं. इससे पहले कांग्रेस तीन बार के भाजपा सांसद सुरेश चंदेल को उतारने पर विचार कर रही थी, लेकिन 2005 में जब वह हमीरपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे तब वह एक स्टिंग ऑपरेशन में पकड़े गए थे. 

भाजपा के बागियों पर दांव नहीं खेलना चाहती कांग्रेस
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि लेकिन चंदेल को कांग्रेस में प्रवेश देने से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने इनकार कर दिया, ताकि यह संकेत न जाए कि पार्टी भाजपा के बागियों पर दांव खेल रही है.

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