लोकसभा चुनाव 2019: इरोड में बिगड़े राजनीतिक समीकरण, AIADMK के लिए बड़ी चुनौती
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लोकसभा चुनाव 2019: इरोड में बिगड़े राजनीतिक समीकरण, AIADMK के लिए बड़ी चुनौती

तमिलनाडु की इरोड लोकसभा सीट पर अभी तक 2 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें एक बार MDMK तो एक बार एआईएडीएमके को जीत मिली है.

(फाइल फोटो)

साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इरोड लोकसभा सीट पर 2009 में पहली बार चुनाव हुआ. इस चुनाव में एमडीएमके ने जीत हासिल की. इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में यह सीट एआईएडीएमके के खाते में आ गई. अस्तित्व में आने के बाद अब तक इस सीट पर दो बार चुनाव हुए हैं, जिसमें एक बार एमडीएमके तो एक बार एआईएडीएमके को जीत मिली. इरोड लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद एआईएडीएमके के एस.सेल्‍वाकुमार चिन्‍नैयन हैं. उन्होंने साल 2014 के आम चुनाव में एमडीएमके नेता ए. गणेशमूर्ति को हराया था.

चुनावी इतिहास
तमिलनाडु की इरोड लोकसभा सीट पर अभी तक 2 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें एक बार MDMK तो एक बार एआईएडीएमके (ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) को जीत मिली है. 2009 के लोकसभा चुनाव में MDMK के ए. गणेशमूर्ति ने प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार इलांगोवन को मात दी. साल 2014 में जनता का विश्वास उनके ऊपर से डगमगाया और और एआईएडीएमके के पीआर एस.सेल्‍वाकुमार चिन्‍नैयन ने MDMK के ए. गणेशमूर्ति को भारी मतों के अंतर हरा दिया.

नामक्कल में मतदाता
साल 2014 के आंकड़े के अनुसार इरोड संसदीय क्षेत्र की कुल जनसंख्या 16,90,678 है. जिसकी 36.16 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है, जबकि 63.84 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में निवास करती है.

2014 के लोकसभा चुनाव
2014 के लोकसभा चुनाव में AIADMK के एस. सेल्वाकुमार ने MDMK के गणेशमूर्ति को 2,11,563 मतों के अंतर से हराया था. इस चुनाव में सेल्वाकुमार को 4,66,995 तो MDMK के गणेशमूर्ति को 2,55,432 वोट मिले थे.

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