धुबरी लोकसभा सीट पर लंबे समय से कांग्रेस थी काबिज, AIUDF के बदरूद्दीन अजमल हैं सांसद
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धुबरी लोकसभा सीट पर लंबे समय से कांग्रेस थी काबिज, AIUDF के बदरूद्दीन अजमल हैं सांसद

1971 से लेकर 2004 के लोकसभा चुनावों में यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार चुने गए थे. 

2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में अजमल ने जीत हासिल की. (फोटो साभार: DNA)

नई दिल्ली: देश में 2019 का लोकसभा चुनाव मई में होने की संभावना है. इस बीच कई राज्यों में राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है. 2014 में देश के उत्तर-पूर्व में स्थित असम में मोदी लहर में 14 में से 7 लोकसभा सीटें जीतने वाली बीजेपी की डगर इस बार के लोकसभा चुनाव के दौरान काफी मुश्किल दिख रही है.

जानिए धुबरी लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास 

इस लोकसभा सीट पर 1951 से लेकर 2014 तक हुए 15 चुनावों के दौरान कांग्रेस ने अपना दबदबा यहां लगातार कायम रखा है. लेकिन 1951, 1957 और 1967 के चुनाव के दौरान यहां से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी. वैसे 1971 से लेकर 2004 के लोकसभा चुनावों में यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार चुने गए थे. लेकिन 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के बदरूद्दीन अजमल ने यहां से जीत हासिल की थी. 

असम के इस लोकसभा सीट (Dhubri Lok Sabha constituency) से 2014 के चुनाव के दौरान आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के उम्मीदवार बदरूद्दीन अजमल ने कांग्रेस उम्मीदवार वाजेद अली चौधरी को 2,29,730 मतों से चुनाव में मात दी थी. आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विजेता उम्मीदवार को इस चुनाव में 5,92,569 मत मिला था. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में 3,62,839 मत पड़ा था. इस चुनाव के दौरान तीसरे स्थान पर रहे बीजेपी उम्मीदवार डॉ. देबोरॉय सान्याल ने 2,98,985 मत पाकर चुनावी संघर्ष को त्रिकोणीय बना दिया था. 

जबकि 2009 के चुनाव के दौरान भी AIUDF के टिकट पर ही चुनाव लड़ रहे बदरूद्दीन अजमल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के वाजीद अली चौधरी को 2,29,883 मतों से मात दी थी. इस चुनाव में AIUDF के विजेता उम्मीदवार को 5,92.569 मत मिला था. जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के उम्मीदवार के पक्ष में 3,62,676 मत मिला. वहीं, तीसरे पायदान पर रहे बीजेपी उम्मीदवार देबोरॉय सान्याल को 2,98,897 मत मिला था. 

देश के उत्तर-पूर्व (North-east) में स्थित राज्य असम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार है. यहां से लोकसभा चुनाव 2014 (loksabha election 2014) के दौरान राज्य की 14 संसदीय सीटों में से बीजेपी ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके अलावा कांग्रेस (Congress) के खाते में 3 जबकि आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट(Aiudf) ने 4 सीटें जीती थी.  

वहीं, 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान यहां से कांग्रेस ने 7, बीजेपी ने 4 जबकि अन्य ने 9 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. जिसमें, 1 सीट असम गण परिषद (AGP) और 1 सीट बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (BPF) ने जीता था. 

आपको बता दें कि, 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी लहर के प्रभाव के कारण असम के लोगों ने बीजेपी नीत गठबंधन को 7 सीटें दी थी. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी-आसु (AASU) के बीच चल रहा विवाद, बीजेपी के नेताओं से उनकी नाराजगी का राज्य के चुनाव परिणाम पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है. 

इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नेशनल वोर्टस रजिस्टर, नागरिकता के कानून में बदलाव (amedment in citizenship bill) के अलावा असम अकार्ड (Assam Accord) को लागू करना एक बड़ा मुद्दा हो सकता है.

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