लोकसभा चुनाव 2019: मॉडल से राजनीति तक कुछ ऐसा रहा है मेनका गांधी का सफर
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लोकसभा चुनाव 2019: मॉडल से राजनीति तक कुछ ऐसा रहा है मेनका गांधी का सफर

मेनका गांधी की पहचान राजनीति के अलग एक पशु अधिकारवादी और पर्यावरणविद के रूप में भी है. 

23 जून 1980 को एक विमान हादसे में संजय गांधी की मौत के समय उनके बेटे वरुण गांधी सिर्फ 3 महीने के थे.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) अपने अंतिम दौर में है और 23 मई को चुनावी नतीजों के साथ तय हो जाएगा कि देश में किसी सरकार बनेगी. इन सबके बीच उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट चर्चाओं में बनी हुई है. दरअसल, सुल्तानपुर लोकसभा सीट से बीजेपी की कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी चुनावी मैदान में हैं. मेनका गांधी का जन्म 26 अगस्त 1956 में हुआ था. देश के सबसे पुराने राजनीतिक घराने गांधी परिवार की छोटी बहू हैं.

मेनका गांधी की पहचान राजनीति के अलग एक पशु अधिकारवादी और पर्यावरणविद के रूप में भी है. मेनका गांधी की संजय गांधी से 17 साल की उम्र में हुई थी. उस समय मेनका ने बॉम्बे डाइंग के लिए एक ऐड किया था और मॉडलिंग के पेशे में थीं. संजय गांधी ने मेनका से मुलाकात के एक साल के अंदर ही शादी कर ली. दोनों की शादी 26 अगस्त, 1974 को हुई थी. उस दौर में संजय और मेनका की जोड़ी मीडिया में सुर्खियां बनी रहती थीं. मेनका अक्सर संजय के साथ राजनीतिक दौरे पर जाया करती थीं.

23 जून 1980 को एक विमान हादसे में संजय गांधी की मौत के समय उनके बेटे वरुण गांधी सिर्फ 3 महीने के थे. संजय गांधी की मौत के कुछ वक्त बाद ही मेनका गांधी परिवार से अलग हो गई थीं. मेनका गांधी वर्ष ने 1989 में पहली बार पीलीभीत लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी. मेनका गांधी 1989 से 2014 तक छह बार पीलीभीत लोकसभा सीट से संसद पहुंच हैं. इस दौरान उन्हें एक बार हार का भी सामना करना पड़ा है.

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