लोकसभा चुनाव : NDA छोड़ने के बाद क्या RLSP बचा पाएगी सीतामढ़ी सीट?
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लोकसभा चुनाव : NDA छोड़ने के बाद क्या RLSP बचा पाएगी सीतामढ़ी सीट?

सीतमढ़ी लोकसभा में कुल सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें बथनाहा, परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी, सीतामढ़ी, रुन्नीसैदपुर और सोनबरसा शामिल है. 

एनडीए से अलग राह अपनाने के बाद फिलहाल रालोसपा महागठबंधन का हिस्सा है. (फाइल फोटो)

सीतामढ़ी : बिहार का सीतमढ़ी लोकसभा सीट का मुकाबला इसबार काफी रोचक होने वाला है. फिलहाल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) का यहां कब्जा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में राज कुमार शर्मा यहां से सांसद बने थे. इस चुनाव में रालोसपा, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही थी. पूरे बिहार में तीन सांसद चुने गए थे.

इस वर्ष परिस्थिति बदली हुई है. रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा नरेंद्र मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे चुके हैं. वह केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री बनाए गए थे. एनडीए से अलग राह अपनाने के बाद फिलहाल रालोसपा महागठबंधन का हिस्सा है, जहां सीट शेयरिंग की घोषणी अभी तक नहीं हुई है. देखना दिलचस्प होगा राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) उन्हें कितनी सीटें देती है. 2014 की तरह रालोसपा को सीतमाढ़ी सीट मिलती है या नहीं. क्योंकि 2014 के चुनाव में इस सीट पर मुकाबला आरजेडी के साथ ही था.

1574914 मतदाताओं वाली सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर 2014 के चुनाव में कुल 900588 मतदाताओं ने वोट डाले थे. यहां कुल 19 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे थे. इस चुनाव में रालोसपा उम्मीदवार 411265 मतों के साथ चुनाव जीतने में सफल रहे थे. राम कुमार शर्मा ने आरजेडी उम्मीदवार सीताराम यादव को हराया था, जिन्हें 263300 मत मिले थे. वहीं, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने यहां से अर्जुन राय को चुनावी मैदान में उतारा था, जिन्हें महज 97188 मत मिले थे.

सीतमढ़ी लोकसभा में कुल सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें बथनाहा, परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी, सीतामढ़ी, रुन्नीसैदपुर और सोनबरसा शामिल है. 2009 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर जेडीयू के अर्जुन राय चुनाव लड़े थे और सांसद बने थे. वहीं, इससे पहले 2004 के आम चुनाव में आरजेडी के सीताराम यादव चुनाव जीतने में सफल रहे थे.

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