संबित पात्रा की चुनौती से रोमांचक हुई भगवान जगन्नाथ के शहर की चुनावी जंग
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संबित पात्रा की चुनौती से रोमांचक हुई भगवान जगन्नाथ के शहर की चुनावी जंग

टीवी चैनलों और राजनेताओं के सामने तेवर के साथ बीजेपी का पक्ष रखने वाले संबित पात्रा इन लोकसभा चुनावों में भगवान जगन्नाथ के शहर के पुरी से मैदान में हैं. संबित पात्रा के इस सीट से चुनाव लड़ने के कारण पुरी का सियासी समीकरण काफी दिलचस्प हो गया है. चुनावी समीकरण तो राजनेताओं के आने जाने से बनती रहती है, लेकिन इस बार संबित पात्रा कभी गरीबों के घर खाना खाते दिखे, तो कभी कड़क धूप में जनता के बीच पहुंचे, जो सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: टीवी चैनलों और राजनेताओं के सामने तेवर के साथ बीजेपी का पक्ष रखने वाले संबित पात्रा इन लोकसभा चुनावों में भगवान जगन्नाथ के शहर के पुरी से मैदान में हैं. संबित पात्रा के इस सीट से चुनाव लड़ने के कारण पुरी का सियासी समीकरण काफी दिलचस्प हो गया है. चुनावी समीकरण तो राजनेताओं के आने जाने से बनती रहती है, लेकिन इस बार संबित पात्रा कभी गरीबों के घर खाना खाते दिखे, तो कभी कड़क धूप में जनता के बीच पहुंचे, जो सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा. 

मौजूदा सांसद पिनाकी से है मुकाबला
जगन्नाथ पुरी में संबित का मुकाबला बीजेडी के पिनाकी मिश्रा से है. पिनाकी मिश्रा मौजूदा सांसद हैं और पिछली बार लोकसभा चुनाव में उन्हें सवा पांच लाख से ज्यादा वोट मिले थे. खास बात ये है कि संबित पात्रा पर जिस सीट से बीजेपी ने दांव खेला है, वहां पर पार्टी कभी अस्तित्व में नहीं आ पाई है. इस सीट के इतिहास को पलटकर देखा जाए तो अस्तित्व में आने के बाद से ही बीजेडी, कांग्रेस के बीच यहां मुकाबला रहा है. 2014 में देशभर में जब मोदी लहर चल रही थी, उस वक्त भी बीजेडी ने इस सीट पर अपना दबदबा कायम रखा था. 

ग्रामीण मतदाता की पसंद पर तय होता है उम्मीदवार
पुरी लोकसभा सीट के सामाजिक ताने बाने की बात की जाए तो यहां की जनसंख्या 19 लाख 11 हजार 898 है. यहां की 83.02 फीसदी आबादी गांवों में रहती है, जबकि लगभग 17 फीसदी आबादी शहरों में निवास करती है. जनसंख्या से ही स्पष्ट है कि पुरी में जीत हासिल करनी है तो उम्मीदवार को ग्रामीण जनता के दिलों में उतरना होगा. पुरी में जगन्नाथ मंदिर होने की वजह से सालों भर यह क्षेत्र आध्यात्मिक पर्यटन का केन्द्र बना रहता है. इस वजह से यहां की अर्थव्यवस्था को काफी बल मिलता है.

50 हजार लोगों के लिए बनता है महाप्रसाद
ओडिशा में स्थित पुरी भारत का वह आध्यात्मिक संसदीय क्षेत्र है जहां दुनिया की सबसे बड़ी रसोई है. महाप्रभु जगन्नाथ की इस रसोई में एक साथ 50 हजार लोगों के लिए महाप्रसाद बनता है. एक एकड़ में फैली 32 कमरों वाली इस विशाल रसोई में महाप्रसाद तैयार करने के लिए 752 चूल्हे जलते हैं. इस रसोई में लगभग 500 रसोइए और 300 सहयोगी काम करते हैं. पुरी में निकलने वाली रथ यात्रा दुनिया भर के हिन्दुओं के लिए आस्था और आकर्षण का केन्द्र है.

 

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