बीजेपी का गढ़ रहा है मेहसाना, क्या जयश्री बेन लगा पाएगी लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रीक
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बीजेपी का गढ़ रहा है मेहसाना, क्या जयश्री बेन लगा पाएगी लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रीक

गुजरात का मेहसाना लोकसभा क्षेत्रबीजेपी का गढ़ माना जाता है. 1984 से लेकर 1998 तक बीजेपी यहां लगातार जीत दर्ज करते हुए आई है. 

मेहसाना लोकसभा सीट से जयश्री बेन सांसद हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः मेहसाना गुजरात का पुराना शहर है. अहमदाबाद से करीब 74 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मेहसाना गुजरात के सबसे बड़े जिलों में से एक है. मेहसाना पौराणिक सूर्य मंदिर के लिए काफी प्रसिद्ध है. जो करीब 900 साल पुराना मंदिर है. वहीं, यहां लोहे और स्टील के सबसे बड़े बाजार के लिए भी जाना जाता है. इसके साथ ही मेहसाना के शंखेश्वर में स्थित जैन तीर्थस्थल पर 125 फीट ऊंची पदमावती देवी की आकर्षक मूर्ति के लिए भी प्रसिद्ध है. मेहसाना यातायात के साधनों से जुड़ा है. जिसमें रेल, सड़क मार्ग प्रमुख है. हालांकि यहां का निकटतम एयरपोर्ट अहमदाबाद है.

मेहसाणा लोकसभा सीट पर 1952 से आम चुनाव हो रहा है. जिस पर कांग्रेस पार्टी का राज रहा. लेकिन 1984 के लोकसभा चुनाव के बाद से यह बीजेपी पार्टी का गढ़ बन गया है.

गुजरात का मेहसाना लोकसभा क्षेत्रबीजेपी का गढ़ माना जाता है. बीजेपी यहां कई बार जीत चुकी है. 1984 से लेकर 1998 तक बीजेपी यहां लगातार जीत दर्ज करते हुए आई है. हालांकि 1999 और 2004 में कांग्रेस यहां बीजेपी को हराने में कामयाब हुई थी. लेकिन इसके बाद 2009 में बीजेपी फिर से जयश्री बेन के दम पर वापसी की थी. वहीं, 2014 के चुनाव में भी जयश्री बेन ने यहां अपना परचम लहराया था.

2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में जयश्री बेन ने लगातार यहां जीत दर्ज की है. वहीं, उनके पास 2019 के लोकसभा चुनाव में तीसरी बार जीत दर्ज कर हैट्रीक लगाने का मौका है. हालांकि कांग्रेस ने भी जयश्री बेन को कड़ी टक्कर देने के मुड में दिख रहा है.

2014 में जयश्री बेन ने कांग्रेस प्रत्याशी जिवाभाई अंबालाल पटेल को बड़े अंतर से शिकस्त दी थी. उन्होंने करीब 2 लाख वोटों से हराया था. वहीं, 2009 के लोकसभा चुनाव में भी जिवाभाई को जयश्री बेन से हारना पड़ा था. लेकिन जीत का अंतर काफी कम था.

आपको बता दें कि जिवाभाई पटेल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत दिला चुके हैं. लेकिन इसके बाद से उन्हें लगातार दो बार हार का सामना करना पड़ा है. देखना यह भी है कि क्या कांग्रेस जिवाभाई को एक बार फिर मेहसाना से ही किस्मत आजमाने देती है या नहीं. अगर वह चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें अपनी हार का बदला लेने का अच्छा मौका मिल सकता है. इसके लिए वह लगातार तैयारी कर रहे हैं.

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