यूपी की इस लोकसभा सीट पर है 40 फीसदी मुस्लिम वोटर, फिर भी जीत सकती है BJP, जानिए पूरा गणित
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यूपी की इस लोकसभा सीट पर है 40 फीसदी मुस्लिम वोटर, फिर भी जीत सकती है BJP, जानिए पूरा गणित

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर जिले में शाकुम्भरी मंदिर से लोकसभा प्रचार अभियान की शुरुआत की, जिसके जवाब में सपा-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन इसी जिले के देवबंद से प्रचार शुरू करेगा. 

फाइल फोटो

सहारनपुर: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर मतदान होने जा रहा है और सहारनपुर लोकसभा सीट पर कहानी दिलचस्प दिखाई दे रही है. सहारनपुर संसदीय क्षेत्र में मुस्लिमों की बड़े पैमाने पर मौजूदगी है और 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस सीट पर कब्जा जमाया था. 2019 में भी यही स्थिति बरकरार रह सकती है. सहारनपुर के महत्व को इस बात से आंका जा सकता है कि भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई ने अपना चुनाव अभियान इसी क्षेत्र से शुरू किया है और बीएसपी-सपा-आरएलडी मिलकर यहां अपनी पहली संयुक्त रैली करेंगे.

सपा-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन देवबंद में करेगा रैली
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर जिले में शाकुम्भरी मंदिर से लोकसभा प्रचार अभियान की शुरुआत की, जिसके जवाब में सपा-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन इसी जिले के देवबंद से प्रचार शुरू करेगा. उत्तर प्रदेश गठबंधन के तीन साझेदार सपा, बीएसपी और आरएलडी सात अप्रैल को देवबंद में अपनी पहली संयुक्त रैली आयोजित करेंगे और इस स्थल का चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है. देवबंद में भारत का सबसे बड़े इस्लामी मदरसा है.

2017 में बीजेपी अध्यक्ष शाह ने की थी परिवर्तन यात्रा
आदित्यनाथ ने एक समारोह में कहा था कि विपक्षी गठबंधन द्वारा देवबंद का चुनाव उनकी नीतियों और प्राथमिकताओं का एक संकेत है. शाकुम्भरी मंदिर देवबंद से करीब 40 किलोमीटर दूर है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 2017 में सहारनपुर से पार्टी की परिवर्तन यात्रा शुरू की थी. भाजपा ने जहां अपने मौजूदा सांसद राघव लखनपाल को फिर से मैदान में उतारा है वहीं कांग्रेस और बसपा-सपा-रालोद ने अल्पसंख्यक समुदाय के मजबूत उम्मीदवारों को टिकट दिया है.

बीएसपी और कांग्रेस ने घोषित किए मुस्लिम प्रत्याशी
कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार इमरान मसूद को फिर से टिकट दिया है, जिन्होंने 2014 में लखनपाल को कड़ी टक्कर दी थी लेकिन उन्हें करीब 65 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट से फजलूर रहमान को टिकट दिया है. वह मांस व खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का मालिक है और क्षेत्र में उसका दबदबा है. मसूद और रहमान को मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है, ऐसी संभावना है कि अल्पसंख्यक वोट इन दोनों के कारण बंट सकता है, जिसका फायदा भाजपा को हो सकता है.

सीट पर 40 फीसदी मुस्लिम आबादी
भाजपा को हराने के लिए मुस्लिम समुदाय के सामरिक मतदान की बात भी सामने आ रही है. सहारनपुर में 40 फीसदी से ज्यादा मुसलमान आबादी है. इस स्थिति में रहमान को फायदा हो सकता है क्योंकि यहां बीएसपी को पहले से ही समर्थन प्राप्त है. इस लोकसभा सीट पर मतदान 11 अप्रैल को होगा.

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