शरद पवार ने कहा कि गांवों के लोग केंद्र से कृषि से जुड़े तनावों, किसानों की आत्महत्याएं और खेती के दूसरे संकटों को लेकर केंद्र से नाराज हैं.
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मुंबई: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरोसा खो दिया है और देश में बीजेपी के खिलाफ हवा बह रही है. शरद पवार ने कहा बीते साल नवंबर-दिसंबर में संपन्न राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. इन राज्यों में बीजेपी दस सालों से सत्ता में थी और कोई भी पार्टी की पराजय का अनुमान नहीं लगा सका था.
शरद पवार ने कहा, 'मोदी ने खुद इन राज्यों में ध्यान केंद्रित करके धुआंधार प्रचार किया. लेकिन अंत में परिणाम क्या निकला? यह साफ है कि देश विशेषकर देहात के क्षेत्रों में बीजेपी के खिलाफ हवा बह रही है.' उन्होंने कहा कि गांवों के लोग केंद्र से कृषि से जुड़े तनावों, किसानों की आत्महत्याएं और खेती के दूसरे संकटों को लेकर केंद्र से नाराज हैं.
एनसीपी प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 34 हजार करोड़ रूपये की कर्ज माफी की बात कही थी लेकिन किसान अभी भी इसके इंतजार में हैं. उन्होंने कहा, 'जनवरी 2015 से छह मार्च 2018 तक 11, 998 किसानों ने आत्महत्या कर ली.. यह इस क्षेत्र में बीजेपी-सेना सरकार की पूर्ण असफलता है.'
पवार ने साधा केंद्र पर निशाना
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने 2014 के चुनाव प्रचार में कहा था कि विदेशी खातों में जमा काला धन वापस लेकर आएंगे और उसे लोगों के खातों में जमा करेंगे लेकिन लोग अभी तक इंतजार कर रहे हैं. शरद पवार ने दावा किया कि नोटबंदी के कारण कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई और 15 लाखों की नौकरियां चली गईं.
इस पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि राफेल एक अच्छा विमान है. साल 2007 में 126 राफेल विमान खरीदने की बात थी और उस समय दसाल्ट ने इसका दाम प्रति विमान 350 करोड़ रूपये तय किया. नवम्बर 2016 में रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने संसद में दिये एक उत्तर में कहा कि प्रति विमान का दाम 670 करोड़ रूपये होगा. फरवरी 2017 में दसाल्ट अैर रिलायंस ने संयुक्त बयान में कहा कि प्रति विमान की कीमत 1660 करोड़ रूपये है. इसके अलावा यूपीए सरकार के समय राफेल खरीद में गारंटी का खंड था जिसे एनडीए सरकार ने समाप्त कर दिया.
उन्होंने कहा कि लोग दबी जुबान से ये भी चर्चा करते हैं कि 26 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तान में चल रहे शिविरों पर हुये हवाई हमलों का 'मकसद सियासी' था.