चुनाव आयोग ने सीएम योगी और बसपा सुप्रीमो मायावती को नोटिस जारी किया था. मायावती को देवबंद में उनके भाषण में मुसलमानों से किसी विशेष पार्टी को वोट न देने की अपील करने के लिये नोटिस जारी किया गया था.
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो मायावती ने आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का शुक्रवार को जवाब दिया. सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि अपने जवाब में योगी ने कहा है कि बजरंगबली में भरोसा कैसे आचार संहिता का उल्लंघन हो सकता है. आयोग ने उन्हें प्रथम दृष्टया धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर यह नोटिस भेजा था. सूत्रों ने कहा कि आदित्यनाथ ने लखनऊ में मुख्य चुनाव अधिकारी को अपना जवाब सौंपा, जबकि मायावती ने नयी दिल्ली में चुनाव आयोग को जवाब भेजा.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनाव आयोग को जवाब भेजा. इसमें उन्होंने कहा- मैंने सिर्फ इतना ही कहा कि "उनके साथ अली है तो हमारे साथ बजरंगबली हैं." इसका मतलब यह हुआ कि अगर उनका अली में विश्वास है तो हमको बजरंगबली पर भरोसा है. बजरंगबली पर भरोसा होना किस तरह से आचार संहिता का उल्लंघन हो सकता है. भरोसे का मतलब आस्था या विश्वास हो सकता है और उन्होंने बजरंगबली या धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगा.
चुनाव आयोग ने गुरुवार को दोनों नेताओं को नोटिस जारी किया था. मायावती को देवबंद में उनके भाषण में मुसलमानों से किसी विशेष पार्टी को वोट न देने की अपील करने के लिये नोटिस जारी किया गया था. प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि बसपा प्रमुख ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया था.
आदित्यनाथ को मेरठ में एक रैली को संबोधित करते हुए उनकी "अली" और "बजरंग बली" वाली टिप्पणी के लिए नोटिस दिया गया था. भाजपा नेता आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनावों की तुलना इस्लाम में श्रद्धेय 'अली' और हिंदू देवता बजरंग बली के बीच मुकाबले से की थी. आदित्यनाथ ने कहा था, "अगर कांग्रेस, सपा, बसपा को 'अली' पर विश्वास है तो हमें 'बजरंग बली' पर विश्वास है.
input : Bhasha