ZEE Jankari: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए BJP के घोषणापत्र का एनालिसि‍स
Advertisement
trendingNow1514288

ZEE Jankari: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए BJP के घोषणापत्र का एनालिसि‍स

BJP ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए जारी घोषणापत्र को संकल्प पत्र का नाम दिया है.

ZEE Jankari: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए BJP के घोषणापत्र का एनालिसि‍स

भारतीय जनता पार्टी ने आज अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. BJP ने इसे संकल्प पत्र का नाम दिया है. हम बीजेपी के संकल्प पत्र का एक विस्तृत DNA टेस्ट करेंगे. लेकिन आज सबसे पहले हम पूरे देश को भारत की आज़ादी वाले घोषणापत्र की याद दिलाना चाहते हैं. आज के दिन का एक बड़ा ऐतिहासिक महत्व है. आज से 90 वर्ष पहले... 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने Central Assembly में बम फेंके थे. ये बम किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं सिर्फ धमाका करने के लिए थे. इस बम के साथ Central Assembly में कुछ पर्चे भी फेंके गए थे जिसमें लिखा था “बहरों को सुनाने के लिए धमाका करना जरूरी है.’

क्रांतिकारियों ने उस दिन स्वतंत्रता का घोषणापत्र जारी किया था और उस घोषणा पत्र के संकल्प को पूरा करने के लिए भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव समेत बहुत सारे क्रांतिकारियों ने मौत को गले लगा लिया था. क्रांतिकारियों के इन बलिदानों की वजह से ही आज भारत की राजनीतिक पार्टियों को घोषणा पत्र जारी करने की शक्ति मिली है. इसीलिए बीजेपी के संकल्प पत्र का विश्लेषण करने से पहले भारत के महान क्रांतिकारियों को श्रद्धांजली देना बहुत ज़रूरी है. आज बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में विकास और राष्ट्रवाद का एक मिश्रण तैयार किया है. अक्सर ये कहा जाता है कि घोषणापत्र रिश्वत से भरे होते हैं और उनमें वादों के ज़रिए.. अलग अलग वर्गों को रिश्वत दी जाती है. आम लोग भी अक्सर घोषणापत्रों में अपने फायदे की चीज़ें ढूंढते हैं और देखते हैं इसमें मेरे लिए क्या है. पार्टियां भी इसी हिसाब से घोषणापत्र डिज़ाइन करती हैं. लेकिन इस बार बीजेपी ने कुछ अलग करने की कोशिश की है और देश को वर्ष 2047 का विज़न दिया है. इसमें तीन मुख्य बातों पर ध्यान दिया है. राष्ट्रवाद, अंत्योदय और सुशासन.

घोषणापत्र के पेज नंबर 6 पर लिखा है कि 2047 में भारत की आजादी को 100 साल पूरे हो जाएंगे. इसलिए बीजेपी अगले 5 वर्षों में 2047 के भारत की नींव रखने की प्रतिज्ञा करती है. इस मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा - कि 2047 में जब भारत अपनी आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाए, तब भारत को विकासित देशों की श्रेणी में गिना जाए. बीजेपी ने भारत को दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने का संकल्प लिया है.

भारत के किसी नेता ने पहली बार इस तरह का Vision रखा है और भारत को विकसित देश बनाने की एक समय सीमा की तरफ संकेत किया है. बीजेपी का ये संकल्पपत्र कुल 50 पन्नों का है. इस बार बीजेपी ने राष्ट्रीय हितों से जुड़े अपने दृष्टिकोण को वरीयता दी है. वर्ष 2014 के घोषणा पत्र में बीजेपी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को 37वें पन्ने पर जगह दी थी, लेकिन वर्ष 2019 में बीजेपी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को 15वें पन्ने पर जगह दी है.

संकल्प पत्र में बीजेपी ने अपने इस अध्याय का शीर्षक दिया है. राष्ट्र सर्वप्रथम. बीजेपी ने सर्जिकल स्ट्राइक और Air Strike का ज़िक्र करते हुए ये लिखा है कि आतंकवाद पर उनकी Zero Tolerance Policy जारी रहेगी. इसमं सुरक्षाबलों को आधुनिक हथियार उपलब्ध करवाने का संकल्प है. Make In India के तहत सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए अमेठी में AK 203 स्वचालित राइफल की फैक्ट्री बनाने का ज़िक्र किया गया है. घुसपैठ की समस्या का समाधान करने के लिए असम और सीमा से सटे दूसरे राज्यों में Smart Fencing बनाने का वादा किया गया है.

नक्सलवाद से प्रभावित इलाकों में लगातार कमी आ रही है. बीजेपी ने वादा किया है कि वो इन क्षेत्रों के विकास के लिए योजनाओं को और तेज़ी से लागू करेगी. संकल्प पत्र के पेज नंबर 16 में बीजेपी ने धारा 370 और धारा 35-A को खत्म करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है.

संकल्प पत्र में लिखा है कि राज्य के विकास के लिए धारा 370 को हटाना जरूरी है. जनसंघ के समय से ही ये बीजेपी का संकल्प है. आगे लिखा है कि धारा 35 A की वजह से राज्य के गैर स्थायी निवासियों और महिलाओं के साथ भेदभाव होता है. संकल्प पत्र में कश्मीरी पंडितों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाने की बात कही गई है. ये तीनों ही मुद्दे बीजेपी के Core वोटर से जुड़े मुद्दे हैं, लेकिन इन पर प्रगति की रफ्तार बहुत धीमी है. धारा 370 और धारा 35 A का मामला सुप्रीम कोर्ट में है. और कश्मीर में अब भी कश्मीरी पंडितों की वापसी के लायक माहौल नहीं बन पाया है.

दुख की बात ये है कि जम्मू कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों का रवैया भी कश्मीर की शांति में रुकावट है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने आज एक बार फिर कश्मीर से धारा 370 हटाने का विरोध किया है और धमकी भी दी है कि ऐसा हुआ तो कोई भारत का झंडा उठाने को तैयार नहीं होगा. बीजेपी ने Citizenship Amendment Bill को कानून का रूप देने का संकल्प किया था. Bill का जिक्र करते हुए संकल्प पत्र में लिखा है कि भारत के पड़ोसी देशों से आए सभी हिंदू, जैन, बौद्ध और सिखों को उन देशों में धार्मिक प्रताड़ना के आधार पर भारत की नागरिकता दी जाएगी.

जब ये Bill लोकसभा में Pass हुआ था.. तो भारत के बुद्धिजीवियों ने इसे एक तरह का भेदभाव बताया था. उन्होंने कहा था कि ये बिल मुसलमानों के साथ भेदभाव करता है, क्योंकि इसमें भारत के पड़ोसी देशों से आए पीड़ित मुसलमानों को नागरिकता देने की बात नहीं है. लेकिन इस आलोचना का बीजेपी पर कोई असर नहीं है. बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में Citizenship Amendment Bill को लागू करने का संकल्प दोहराया है.
 
संकल्प पत्र के आखिरी हिस्से में राम मंदिर के मुद्दे का जिक्र है. पेज नंबर 43 पर एक विशेष अध्याय है... जिसका नाम है 'सांस्कृतिक विरासत' संकल्प पत्र में लिखा है कि बीजेपी, संविधान के दायरे में अयोध्या में जल्द ही राम मंदिर के निर्माण की संभावनाओं की तलाश करेगी. ये मामला भी सुप्रीम कोर्ट में है. और बीजेपी पहले ही ये कह चुकी है कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतज़ार करेगी.

अगर बीजेपी के पुराने घोषणा पत्र पर गौर करें तो ऐसा लगता है कि राम मंदिर का मुद्दा अब बीजेपी की प्राथमिकता में नहीं है. वर्ष 1989 में बीजेपी के घोषणापत्र में राम मंदिर का मुद्दा पेज नंबर 2 पर था. 1991 में बीजेपी के घोषणा पत्र में राम मंदिर का मुद्दा पांचवे पन्ने पर था. 1996 में ये मुद्दा घोषणापत्र के 10वें पन्ने पर था.

1998 में राम मंदिर का मुद्दा बीजेपी ने घोषणापत्र के छठे पन्ने पर रखा था. 2004 में NDA के घोषणापत्र में राम मंदिर का ज़िक्र 63 वें पन्ने पर था. 2009 में ये मुद्दा 48वें पन्ने पर था और 2014 के घोषणा पत्र में राम मंदिर का मुद्दा 41वें पन्ने पर था. समान नागरिक संहिता भी बीजेपी का Core Issue है. संकल्प पत्र में समान नागरिक संहिता के प्रति संकल्प को दोहराया गया है. लेकिन इस संकल्प में ऊर्जा की कमी नज़र आ रही है.

हालांकि समान नागरिक संहिता से भी पहले घोषणा पत्र में सबरीमला के मुद्दे का जिक्र किया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मंदिर की परंपरा के खिलाफ फैसला दिया था. कोर्ट ने मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की इजाजत दे दी थी. इसके खिलाफ दक्षिण भारत के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए और बीजेपी इस मुद्दे पर मंदिर की परंपराओं और आस्थाओं के साथ खड़ी है. अपने संकल्प पत्र में बीजेपी ने लिखा है कि हम पूरा प्रयास करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट के सामने सबरीमला की आस्था, परंपरा और पूजा पद्धति का विषय रखा जाए और हमारी कोशिश होगी कि आस्था और विश्वास के मामलों को संवैधानिक संरक्षण मिले.  

बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में लिखा है कि 2022 में भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं. बीजेपी ने 2022 तक अपने 75 संकल्प पूरे करने का लक्ष्य रखा है. इनमें सबको आवास, इंटरनेट और जल आपूर्ति देने के संकल्प को प्रमुखता दी गई है. बीजेपी ने संकल्प लिया है कि वर्ष 2022 तक हर व्यक्ति के पास पक्का मकान हो. 2022 तक हर एक ग्राम पंचायत को हाई स्पीड ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाए. इसके साथ ही हर घर में पाइपलाइन के जरिए पानी की सप्लाई का लक्ष्य वर्ष 2024 तक रखा गया है.

संकल्प पत्र में बीजेपी ने किसानों के लिए भी विशेष ऐलान किए हैं. बीजेपी ने कहा है कि छोटे किसानों को 60 साल की उम्र के बाद पेंशन दी जाएगी. सभी किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ मिलेगा. इस योजना के तहत किसानों को हर वर्ष 6 हजार रुपए की मदद दी जाएगी और उनकी आय को दोगुना किया जाएगा.

इसके अलावा किसानों को एक लाख रुपये तक के लोन पर 5 साल तक कोई ब्याज नहीं देना होगा. बीजेपी ने संकल्प किया है कि ग्रामीण इलाकों के उत्थान के लिए 25 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. उच्च शिक्षा में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का संकल्प लिया है.
मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग और Law कॉलेजों में सीटें बढ़ाने का वादा किया है. डेढ़ लाख Health and Wellness Centre स्थापित करने का संकल्प दोहराया है.

एक संकल्प ये भी है कि श्रमयोगी मानधन योजना का विस्तार किया जाएगा और इस योजना के तहत छोटे दुकानदारों और व्यापारियों को 60 साल के बाद पेंशन की सुविधा दी जाएगी. बीजेपी ने विधान सभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ करवाने का संकल्प लिया है. पार्टी इसके लिए सहमति बनाने की कोशिश करेगी.

बीजेपी ने संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण दिए जाने का संकल्प दोहराया है. और वर्ष 2022 तक गंगा को स्वच्छ करने का लक्ष्य तय किया गया है बीजेपी और कांग्रेस भारत की दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियां हैं. इन दोनों पार्टियों के इस बार के घोषणा पत्रों से इन दोनों की राजनीतिक विचारधारा का अंतर साफ़ नजर आता है. बीजेपी राष्ट्रवाद, सैनिकों के सम्मान की रक्षा और आम नागरिक को सक्षम बनाने पर ज़ोर दे रही है.

कांग्रेस पार्टी देशद्रोह की धारा को हटाना चाहती है.
जबकि बीजेपी का मानना है कि देशद्रोह एक बड़ा अपराध है. कांग्रेस पार्टी धारा 370 को जारी रखना चाहती है.
जबकि बीजेपी धारा 370 को खत्म करना चाहती है.
बीजेपी राम मंदिर का निर्माण करना चाहती है
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में राम मंदिर का जिक्र नहीं किया है.

बीजेपी नागरिकता संशोधन विधेयक को लागू करना चाहती है. ताकी पड़ोसी देशों में पीड़ित हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता मिल जाए. कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि वो इस बिल को लागू नहीं होने देंगे और इसका विरोध करेंगे. बीजेपी ने कहा है कि वो NRC यानी National Register of Citizens की नीति को जारी रखेगी. इस पर कांग्रेस ने घोषणा पत्र में लिखा है कि कोई भी भारतीय नगारिक National Register of Citizens से अलग नहीं होना चाहिए.

रोज़गार के मुद्दे पर बीजेपी का ज़ोर Start-up और Entrepreneurship पर है. बीजेपी ने उद्योगों को बढावा देने के लिए संकल्प लिया है कि वो उद्यमियों को बिना किसी Security के 50 लाख तक Loan दिए जाने की योजना लाएंगे. बीजेपी ने 2024 तक 50 हजार Start-up स्थापित करने में मदद देने का संकल्प लिया है.

रोजगार के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने ऐलान किया है कि वो एक अप्रैल 2019 तक खाली पड़े 4 लाख केंद्रीय सरकारी पदों पर भर्तियां करेंगे. मार्च 2020 तक ये काम पूरा किया जाएगा. गरीबी के मुद्दे पर बीजेपी ने ग्राम स्वराज का संकल्प लिया है. 2022 तक गरीबों को पक्का घर और 2024 तक सभी घरों में पाइप लाइन से जल आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है. सभी गरीब परिवारों को LPG गैस सिलिंडर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. जबकि कांग्रेस ने न्याय योजना के माध्यम से देश के 20 प्रतिशत सबसे गरीब लोगों को हर साल 72 हजार रुपए की आर्थिक मदद देने का वादा किया गया है. कांग्रेस पैसा देने की बात करती है, बीजेपी सक्षम बनाने की बात करती है.

Trending news