मुजफ्फरनगर को देश में गन्ने का कटोरा भी कहा जाता है. देश में सबसे ज्यादा ईख यानी गन्ने का उत्पादन इसी जिले में होता है. इस जिले में गन्ने की 8 बढ़ी मिलें हैं, जिनमें चीनी का निर्माण होता है. इस जिले में किसान राजनीति एक रूटीन बात है. यहां पर टिकैत बंधुओं का खासा प्रभाव है, हालांकि राजनीति में उनका कोई असर नहीं दिखता. इस जिले में शुक्र तीर्थ, डिग्री कॉलेज और कई इंटर कॉलेज हैं. यह जिला हरियाणा से सटा हुआ है. दोनों के बीच यमुना नदी सीमा रेखा का काम करती है. मुजफ्फनगर लोकसभा सीट में 80 प्रतिशत हिंदू और 20 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं. जातीय समीकरणों की बात करें तो 20 फीसदी मुस्लिम, 18 प्रतिशत एससी, 12 फीसदी जाट वोटर हैं. बाकी 50 प्रतिशत में गुर्जर, बनिया, ठाकुर समेत अन्य वोटर हैं. जयंत चौधरी के दादा चौधरी चरण सिंह ने अपनी जिंदगी का पहला चुनाव वर्ष 1971 में मुजफ्फरनगर सीट से ही लड़ा था. इसके बाद वे देश के पीएम पद तक पहुंचे
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