महाराष्ट्र सरकार के 100 दिन पूरे होने पर 7 मार्च को अयोध्या जाएंगे उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी जैसे धुर विरोधी विचारधाराओं वाले दलों के साथ सरकार बनाने वाले उद्धव ठाकरे अब अपनी हिंदुत्ववादी छवि को बचाने के लिये फिर से अयोध्या का रुख करने जा रहे हैं.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 25, 2020, 05:42 PM IST
    • उद्धव ने पिछली यात्रा टाल दी थी
    • हिंदुत्व की छवि पर पड़ा बुरा असर
    • राज ठाकरे से राजनीतिक विचारधारा का खतरा
महाराष्ट्र सरकार के 100 दिन पूरे होने पर 7 मार्च को अयोध्या जाएंगे उद्धव ठाकरे

मुंबई: महाराष्ट्र की महाविकासआघाड़ी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अयोध्या आएंगे. इसका कार्यक्रम भी तय हो गया है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार के 100 दिन पूरे होने पर सीएम उद्धव ठाकरे 7 मार्च को अयोध्या जाएंगे. उन्होंने ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सात मार्च को अयोध्या जाकर राम लला का दर्शन करेंगे.

उद्धव ने पिछली यात्रा टाल दी थी

ठाकरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की कोर समिति द्वारा राज्य में वैल्पिक सरकार गठन का मुद्दा सुलझा लेने के बाद 24 नवंबर 2019 को प्रस्तावित अयोध्या यात्रा टाल दी थी. शिवसेना ने इसके बाद राकांपा और कांग्रेस से मिलकर गठबंधन सरकार बनाई और 28 नवंबर 2019 को ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

हिंदुत्व की छवि पर पड़ा बुरा असर

जबसे शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी जैसे धुर विरोधी विचारधाराओं वाले दलों के साथ सरकार बनाई है तब से भाजपा उसकी हिंदुत्ववादी छवि पर हमला कर रही है और बाल ठाकरे की विचारधारा के साथ छल करने का आरोप लगा रही है. उद्धव को डर है कि कहीं उन्हें इसका खामियाजा न उठाना पड़ जाए. यही देखकर उन्होंने अयोध्या के माध्यम से हिंदुत्व की छवि को मजबूत करने का एक तीर चला है.

राज ठाकरे से राजनीतिक विचारधारा का खतरा

हाल ही में राज ठाकरे ने बाल ठाकरे की राह पर चलते हुए अपनी पार्टी को पूरी तरह भगवा रंग में रंग लिया है और हिंदुत्व की राह पर चलने की तैयारी कर ली है. इससे शिवसेना को अपनी विरासत छिनने का डर भी सता रहा है. शिवसेना को लगता है कि राज ठाकरे भाजपा के साथ जाकर उसके हिंदुत्व पर प्रहार करेंगे तो इससे शिवसेना को भारी नुकसान होगा.

पिछले साल जून में गये थे अयोध्या

आपको बता दें कि ठाकरे आखिरी बार जून 2019 में पार्टी के नवनिर्वाचित 19 सांसदों के साथ अयोध्या गए थे और रामलला मंदिर में पूजा अर्चना की थी. तब राम मंदिर पर सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय में चल रही थी. अब राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो चुका है तो उद्धव की कोशिश है कि इसका थोड़ा बहुत श्रेय शिवसेना को भी मिल जाए. उल्लेखनीय है कि ठाकरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की कोर समिति द्वारा राज्य में वैल्पिक सरकार गठन का मुद्दा सुलझा लेने के बाद 24 नवंबर 2019 को प्रस्तावित अयोध्या यात्रा टाल दी थी.

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