नई दिल्ली: भारत के इतिहास में ये पहला मौका है, जब पूरा देश 21 दिन के लिए लॉकडाउन है. कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए मंगलवार को पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में लोगों से घर पर रहने की अपील की. अब पुलिस घूम-घूमकर लोगों से घरों के अंदर रहने के लिए कह रही है.
अगर लॉकडाउन तोड़ा तो होगी सज़ा
अगर आप ये सोच रहे हैं कि लॉकडाउन में घर से बाहर निकलने की अपील यूं ही की जा रही है. अगर आप ये समझ रहे हैं कि पुलिस आपके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेगी. अगर आप सोच रहे हैं कि आप बचकर निकल लेंगे तो हम आपकी गलतफहमी दूर किए देते हैं. अबकी बार कोई रियायत नहीं दी जाएगी.
लॉकडाउन के दौरान नियम तोड़ने पर इस बार कोई रियायत नहीं बरती जाएगी, ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. लॉकडाउन के दौरान क्या अपराध माना जाएगा और क्या उसकी सजा होगी आपको एक-एक कर बताते हैं और उनकी सजा क्या हो सकती है.
1- आदेश का उल्लंघन
सज़ा- 1 साल तक जेल, जुर्माना
लॉकडाउन के आदेश और नियमों का उल्लंघन करना अपराध है. कोई व्यक्ति अगर ये अपराध करता है तो उसे 1 साल तक जेल और जुर्माना दोनों भगतना पड़ सकता है.
2- लॉकडाउन तोड़ना
सज़ा- 6 महीने जेल, 1000 रु जुर्माना
लॉकडाउन के नियम तोड़ने पर 6 महीने की जेल और 1000 रु जुर्माना भी हो सकता है
3- गैरजरूरी काम से सड़क पर आना
सज़ा- 6 महीने तक जेल, 1000 रु जुर्माना
लॉकडाउन के दौरान अगर आप गैरजरूरी काम से सड़क पर आते हैं तो इसकी सज़ा 6 महीने तक की जेल और 1000 रुपए जुर्माना है.
4- झूठी वजह बताना
सज़ा- 2 साल तक जेल
लॉकडाउन या कर्फ्यू के दौरान अगर आपने झूठी वजह वजह बताकर बाहर निकले तो उसकी सज़ा 2 साल तक जेल हो सकती है.
5- रोग फैलने/बढ़ने में भूमिका
सज़ा- 6 महीने तक जेल, 1000 रु जुर्माना
अगर आपकी लापरवाही की वजह से रोग या महामारी फैलने या बढ़ने में मदद मिलती है तो इसकी सजा 6 महीने तक की जेल और 1000 रुपये जुर्माना होगा.
6- अफवाह फैलाना
सज़ा- 1 साल तक जेल, जुर्माना
लॉकडाउन के दौरान अगर आप झूठी खबरें, झूठे अलर्ट या अफवाह फैलाते हैं तो आपको 1 साल तक की जेल और जुर्माने की सज़ा भुगतनी पड़ सकती है.
7- धारा 144 तोड़ना
सज़ा- 6 महीने तक जेल
अगर आप धारा 144 तोड़ते हैं. यानी एक जगह 5 लोगों के इकट्ठे होने की सजा है 6 महीने तक की जेल.
8- काम में बाधा पहुंचाना
सज़ा- 1 साल तक जेल, जुर्माना
इसके अलावा अगर लॉकडाउन के दौरान आप किसी सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा पहुंचाते हैं. जैसे पुलिस या दूसरे प्रशासनिक अधिकारी से बहस करते हैं, लड़ते हैं, दबाव बनाते हैं तो ये भी अपराध है. इसकी सजा एक साल तक की जेल और जुर्माना दोनों हो सकती है.
9- सरकारी कर्मचारी ड्यूटी न निभाए
सज़ा- 1 साल तक जेल या जुर्माना
ये तो हुई आम लोगों की बात, लेकिन लॉकडाउन के दौरान अगर कोई सरकारी कर्मचारी जो जरूरी सेवाओं के लिए लगाया गया है. अगर वो अपनी ड्यूटी में लापरवाही करता है या फिर वो ड्यूटी न निभाए तो उसे भी अपराध की श्रेणी में माना गया है. तो सरकारी कर्मचारी ड्यूटी न निभाए उसे भी अपराध सिद्ध होने पर 1 साल तक की जेल या जुर्माना हो सकता है.
10- सरकारी पैसों का दुरुपयोग
सज़ा- 2 साल तक की सज़ा
लॉकडाउन के दौरान अगर सरकारी पैसों का कोई दुरुपयोग करता है तो ऐसे लोगों को 2 साल तक जेल की सजा काटनी पड़ सकती है.
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पूरे देश में 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान शहर और गांव की हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी. सामान की कालाबाजारी और जमाखोरी करते हुए पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. तो तय आपको करना है लॉकडाउन के दौरान आपको घर में रहना है या जेल में. इसलिए ZEE मीडिया बार-बार आपसे ये अपील कर रहा है. कुछ दिनों की बात है, घर में रहिए, सुरक्षित रहिए और कोरोना वायरस को हराइए.
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