अगर 25 से 30 वर्ष की महिलाओं को पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है, तो उन्हें डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
Trending Photos
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दर्द होना आम लक्षण है. लेकिन अगर आपका यह दर्द काफी ज्यादा है, तो आपको एंडोमेट्रियोसिस नामक समस्या हो सकती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह बीमारी महिलाओं के लिए बेहद तकलीफदेह होती है. यह न केवल तकलीफ देती है, बल्कि सोशल लाइफ व रिलेशंस पर भी असर डालती है. ऐसे में यदि शुरूआती चरण में ही इसका इलाज करा लिया जाए, तो गंभीर बीमारी होने से बचा जा सकता है. वरना यह आगे चलकर महिलाओं में बांझपन का कारण भी बन सकती है.
ये भी पढ़ें: हर महिला को इन संकेतों के बारे में होनी चाहिए जानकारी, इस समय प्रेग्नेंसी की होती है प्रबल संभावना
एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) किसे कहते हैं?
देश की प्रतिष्ठित चिकित्सक और पदमश्री से सम्मानित डॉ. अलका कृपलानी ने बताया कि जागरूकता के अभाव में एंडोमेट्रियोसिस से परेशान महिलाओं की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. सामान्यतः 25 से 30 साल की उम्र की महिलाओं में पेट में दर्द की शिकायत रहती है. कुछ लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं. लिहाजा यह एक बड़ी परेशानी बनकर सामने आती है. जब भी महिला को पीरियड्स होते हैं तो इस टिश्यू के अंदर की तरफ भी ब्लीडिंग होती है. इस तरह ओवरी के अंदर ब्लड जम जाता है और इसे एंडोमेट्रियॉटिक सिस्ट कहते हैं. इसी समस्या को एंडोमेट्रियोसिस कहा जाता है. ये बातें उन्होंने शारदा विवि के स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च में आयोजित सेमिनार में बताई.
ये भी पढ़ें: Women's Health: महिलाओं के लिए खतरनाक है इस जगह दर्द होना, रहें सावधान
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Endometriosis in Women)
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अर्चना मेहता ने एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण बताते हुए कहा कि यह शरीर को तोड़ने वाली बीमारी है. पीरियड्स के दौरान बहुत दर्द होना इसका मुख्य लक्षण है. पीरियड्स में इतना दर्द होता है कि यह पेनकिलर्स लेने के बावजूद दूर नहीं होता.
वहीं, इस बीमारी के लक्षणों के बारे में डॉ. गुंजन चौधरी ने बताया कि यदि शुरू में ही दर्द या परेशानी महसूस होने पर डॉक्टरों को दिखाया जाए तो आगे की परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है. इसके प्रमुख लक्षणों में मासिक धर्म के दौरान दर्द, माहवारी के एक या दो हफ्ते के आसपास ऐंठन महसूस होना, माहवारी के बीच में ही ब्लीडिंग कमर के निचले हिस्से में दर्द होना आदि शामिल हैं.
ये भी पढ़ें: 20 से 35 साल की उम्र में ही महिलाओं को हो सकती हैं ये जानलेवा बीमारियां
महिलाओं में इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती है ये बीमारी, जानें बचाव
शारदा अस्पताल के गायनोकोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. नीरजा गोयल ने बताया कि एंडोमेट्रियोसिस की वजह से ओवरीज व यूटरस डैमेज हो जाती हैं, इसलिए नतीजतन यह बीमारी गंभीर होकर इनफर्टिलिटी का कारण भी बन सकती है. अगर केस ज्यादा बिगड़ जाए, तो इसकी वजह से पेल्विस ऑर्गंस को नुकसान पहुंच सकता है और गर्भधारण करने में बहुत दिक्कतें होती हैं. अल्ट्रासाउंड और एमआरआई से इसका पता लगाया जा सकता है. वहीं, इस समस्या से राहत पाने के लिए महिलाओं को एल्कोहॉल, कैफीन, तनाव, फैटी फूड्स से दूर रहना चाहिए और ओमेगा-3 फैटी एसिड, ताजे फल व सब्जियां, नियमित एक्सरसाइज व योगा को अपनाना चाहिए.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.