'एनएच 37 में स्थित इस मस्जिद को सुरक्षित रूप से नौगांव से पुरानीगुडम में स्थापित किया जा रहा है. क्योंकि एनएच 37 को फोरलेन हाईवे में बदला जा रहा है. मस्जिद को दूसरी जगह शिफ्ट करने का काम 15 से 20 दिनों के अंदर पूरा हो जाएगा.'
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नई दिल्लीः असम एक ऐतिहासिक मस्जिद हाईवे के रास्ते में आ रही थी, जिसके चलते मस्जिद को ट्रांसपोर्ट के जरिए दूसरी जगह स्थापित कर दिया गया है. श्रमिकों की मदद से इस 100 साल पुरानी इस 2 मंजिला ऐतिहासिक मस्जिद की दीवारों को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर नौगांव के पुरानीगुडम में स्थापित किया जा रहा है. मस्जिद को शिफ्ट कराने में जुटे इंजीनियर गुरदीप सिंह ने बताया कि 'एनएच 37 में स्थित इस मस्जिद को सुरक्षित रूप से नौगांव से पुरानीगुडम में स्थापित किया जा रहा है. क्योंकि एनएच 37 को फोरलेन हाईवे में बदला जा रहा है. मस्जिद को दूसरी जगह शिफ्ट करने का काम 15 से 20 दिनों के अंदर पूरा हो जाएगा.'
सिंह ने आगे बताया कि 'मस्जिद को बिना तोड़े हाइड्रोलिक सिस्टम के जरिए इस मीनार की शिफ्टिंग का काम किया जा रहा है. मस्जिट को दूसरी जगह शिफ्ट करने का काम हरयाणा स्थित कंपनी आरआर एंड संस से मंगाए गए हाइड्रोलिक सिस्टम के जरिए संभव हो पाया है. मस्जिद को शिफ्ट करने के काम में करीब 100 से भी ज्यादा लोग काम कर रहे हैं. जो कि पूरी सुरक्षा व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है. यह काम दो फेज में कम्पलीट किया जाएगा.'
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बता दें मस्जिद को दूसरी जगह शिफ्ट करने का काम लगभग 50 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है. मस्जिद की शिफ्टिंग में लगे एक अधिकारी ने बताया कि 'नेशनल हाईवे के कंस्ट्रक्शन के काम में मस्जिद के चलते कठिनाइयां आ रही थीं, जिसके चलते प्रशासन से अनुमति लेकर इसे एक से दूसरी जगह शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया.'
Assam: Minaret of historic mosque being shifted to pave way for highway
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— ANI Digital (@ani_digital) April 26, 2019
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मस्जिद को शिफ्ट करने से पहले मुस्लिम समुदाय से भी इसके बारे में चर्चा की गई थी, जिसके बाद स्थानीय लोगों की सहमति के बाद इसे एक से दूसरी जगह शिफ्ट करने का काम शुरू किया गया. बता दें 100 साल पुरानी यह मस्जिद 1950 में आए भूकंप के दौरान भी नहीं ढही थी.'