गुजरातः जहां मंदिर या धर्मशाला में नहीं, श्मशान घाट में किया जाता है राम कथा का आयोजन
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गुजरातः जहां मंदिर या धर्मशाला में नहीं, श्मशान घाट में किया जाता है राम कथा का आयोजन

यहां कथा सुनने के लिए सिर्फ इसी गांव के ही नहीं दूसरें गांवों से भी लोग आते हैं और इस कथा को सुनने के लिए सिर्फ पुरुष ही नहीं महिलाएं भी बड़ी संख्या में पहुंच रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

यहां कथा सुनने के लिए सिर्फ इसी गांव के ही नहीं दूसरें गांवों से भी लोग आते हैं और इस कथा को सुनने के लिए सिर्फ पुरुष ही नहीं महिलाएं भी बड़ी संख्या में पहुंच रही है.

  1. मोरबीः श्मशानघाट को सामान्य तौर पर अपवित्र माना जाता है. जहां जाने पर लोग खुद को अपवित्र मानने लगते हैं और वहां से वापस आने पर नहाते हैं और खुद का शुद्धिकरण करत हैं. खासकर महिलाओं को तो श्मशान घाट जाने पर भी पाबंदी होती है. ऐसे में श्मशान घाट जाने से हर कोई कतराता है या डरता है, लेकिन इन सब से अलग गुजरात में एक जगह ऐसी भी है जहां श्मशान घाट में राम कथा वाची जाती है. मोरबी जिले के हलवद तालुका टिकर गांव में गांव के श्मशान घाट में राम कथा का आयोजन किया जाता है और यहां कथा सुनने के लिए सिर्फ इसी गांव के ही नहीं दूसरें गांवों से भी लोग आते हैं और इस कथा को सुनने के लिए सिर्फ पुरुष ही नहीं महिलाएं भी बड़ी संख्या में पहुंच रही है.
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  3. बता दें यहां बड़े -बड़े टेंट बनाकर और उसमे लाइटिंग कर, डेकोरेशन कर साज-सज्जा कथाओं का आयोजन किया जाता है, लेकिन टिकर के श्मशान में चल रही राम कथा में ऐसा कुछ नहीं है. फिर भी यहां लोगो के लिए राम कथा आकर्षण का केंद्र बन हुई है. क्यों की राम कथा के लिए स्थान श्मशान भूमि रखा गया है. राम कथा में टिकर सहित आसपास के गावों की महिलाएं दोपहर के दो बजते ही गांव के श्मशान में पहुंच जाती हैं और दोपहर के दो बजे से लेकर पांच बजे तक राम कथा का श्रवण करती हैं. 
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  5. बता दें टिकर में कथा वक्ता नौ दिन तक परसेवा के लिए कथा वाचन कर रहे हैं और इस राम कथा के लिए एक भी रुपये नहीं लिया जा रहा है. अनाज सहित जो भी खाद्य सामग्री लोगो रखते हैं वो गरीब परिवारों में बांट दी जाती है. गांव के लोगों का मानना है की जिस जगह शिव से मिलन होता है उससे ज्यादा पवित्र भूमि श्मशान के अलावा दूसरी कोई नहीं हो सकती. इसी वजह से रामकथा का आयोजन श्मशान में किया गया है. राम कथा के आयोजन के लिए मंडप ,साउंड ,चाय नाश्ता ,का अरेंजमेंट गांव के ही दान दाताओं की तरफ से किया गया है. गुजरात में शायद मोरबी जिले का टिकर गांव पहला ऐसा गांव होगा जहा गांव वालों के सहयोग से श्मशान के अंदर राम कथा का आयोजन किया गया है.

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