Viral​: 'साहब घूस का पैसा बढ़वा दीजिए...', तहसीलदार के चपरासी ने DM को लिखी चिट्ठी
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Viral​: 'साहब घूस का पैसा बढ़वा दीजिए...', तहसीलदार के चपरासी ने DM को लिखी चिट्ठी

Jaunpur​ viral News: सोशल मीडिया में एक लेटर वायरल हो रहा है. पत्र लिखने वाले ने खुद को तहसीलदार का प्राइवेट चपरासी बताया है. उसने रिश्वत में हिस्सेदारी को लेकर डीएम को चिठ्ठी लिख दी तो पूरे जिले में बवाल कट गया. मामला यूपी के जौनपुर जिले का है.

Viral​: 'साहब घूस का पैसा बढ़वा दीजिए...', तहसीलदार के चपरासी ने DM को लिखी चिट्ठी

Jaunpur Peon Bribe letter: यूपी के जौनपुर में भ्रष्टाचार का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जिले की शाहगंज तहसील के नायब तहसीलदार के प्राइवेट चपरासी ने घूस का पैसा बढ़ाने की मांग की है. यही नहीं उसने बाकायदा इसके लिए जौनपुर के डीएम को पत्र लिख डाला. जो अब सोशल मीडिया में जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है. 'साहब घूस में हिस्सेदारी बढ़वा दीजिए. हम ही घूस वसूलते हैं, हमें ही सबसे कम हिस्सा मिलता है. वकीलों से आम जनता से लड़ाई झगड़ाकर घूस वसूलते हैं फिर भी हिस्सेदारी कम मिलती है.' 

जौनपुर शाहगंज तहसील स्थित नायब तहसीलदार का कार्यकाल अचानक उस वक्त सुर्खियों में आ गया जब इंटरनेट पर एक पत्र वायरल होने लगा. नायब तहसीलदार के प्राइवेट चपरासी का ने जो पत्र लिखा वो डीएम जौनपुर के नाम पर लिखा गया है.

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खत की बानगी देखिए- 

महोदय, 
 प्रार्थी राजाराम यादव, नायब तहसीलदार लपरी शाहगंज शैलेन्द्र कुमार सरोज का प्राइवेट चरपासी हूं, सारा घूस का पैसा हम ही अधिवक्ताओं व जनता से रोज वसूलते हैं, मेरे नीचे अविनाश यादव व अजीत यादव हैं. हम लोग लगातार झगड़ा कर मारपीट कर घूस का पैसा वसूलते हैं, अत: श्रीमान जी सभी प्राइवेट चपरासी को 1000 रुपये प्रतिदिन मिला है, मुझे तहसीलदार साहब बस 500 देते हैं, इसलिए निवेदन है कि मेरा पैसा बढ़ाया जाए. प्रार्थी- राजाराम यादव, प्राइवेट चपरासी, नायब तहसीलदार, लपरी, शाहगंज, जौनपुर.

लेटर पूरी तरह से फर्जी है...

बात जिले के जिलाधीश और कलेक्टर रविंद्र कुमार तक पहुंची यानी पत्र वायरल हुआ तो जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. सो आनन फानन में जांच कराई गई. हालांकि जब जांच की गई तो ये लेटर फर्जी निकला क्योंकि राजाराम यादव या किसी अन्य नाम का कोई भी प्राइवेट कर्मचारी तहसील शाहगंज में कार्यरत नहीं पाया गया. वहीं पत्र में शिकायतकर्ता राजाराम यादव का मोबाइल नम्बर, पिता का नाम और पता पता भी नहीं..जिससे साफ होता है कि वायरल हो रहा लेटर पूरी तरह से फर्जी है.

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