डॉक्टर भी रह गए हैरान, पेट की सर्जरी में निकलीं चाबियां, नेलकटर, सिक्के, अंगूठी, सहित 50 चीजें
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डॉक्टर भी रह गए हैरान, पेट की सर्जरी में निकलीं चाबियां, नेलकटर, सिक्के, अंगूठी, सहित 50 चीजें

नशे की हालत में ही इसने ये सारी चीजें एक एक करके निगल ली थीं. 15 दिन पहले यह रोगी युवक एमबी अस्पताल में आया और पेट दर्द, उल्टी होने और खाना नहीं खा पाने की परेशानियां बताईं. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

उदयपुर: संभाग के सबसे बड़े महाराणा भूपाल चिकित्सालय में आया एक अजीब केस खासा चर्चा का विषय बना हुआ है. दरसअल, एमबी चिकित्सालय के सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने एक आश्चर्य जनक सर्जरी करते हुए 24 साल के एक युवक गजेंद्र के पेट से 50 तरह की चीजे निकाली. हैरत की बात यह है कि इन वस्तुओं में लोहे की चाबियां, नेलकटर, सिक्के, चिलम के टुकड़े, लकड़ी की माला, अंगूठी, पिन, क्लिप आदि शामिल हैं. 

उदयपुर सम्भाग के सबसे बड़े चिकित्सालय में आए इस सनसनीखेज मामले ने सभी लोगों के साथ धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों को भी हैरत में डाल दिया है. नशे का आदी यह युवक शराब, चिलम सहित कई तरह की नशीली चीजें सेवन करता था. नशे की हालत में ही इसने ये सारी चीजें एक एक करके निगल ली थीं. 15 दिन पहले यह रोगी युवक एमबी अस्पताल में आया और पेट दर्द, उल्टी होने और खाना नहीं खा पाने की परेशानियां बताईं. 

डॉक्टर ने जब युवक का एक्स-रे कराया तो पेट में कुछ चीजें दिखाई दी जिसे देख पूरा स्टाफ सन्न रह गया. एक्सरे पर एक बार डॉक्टरों ने विश्वास नहीं करते हुए पेन मैनेजमेंट कर युवक का सिटी स्कैन भी कराया. सिटी स्कैन के टेस्ट के दौरान युवक के अमाशय में ये काफी चीजें दिखाई दी. मेडिकल साइंस को भी सोचने पर मजबूर करने वाले इस केस के दौरान गजेंद्र का ऑपरेशन 90 मिनट तक चला. ऑपरेशन के दौरान ज्यादातर लोहे की वस्तुएं गजेंद्र के अमाशय और कुछ बड़ी आंत में मिलीं. इस वजह से गजेंद्र के एक जगह अल्सर हुआ, इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने एंडोस्कोपी के बाद उसकी सर्जरी की. 

गजेंद्र को जीवनदान देंने वाले डॉक्टर डीके शर्मा ने बताया कि गजेंद्र मनोरोग से ग्रसित है. इस स्थिति में रोगी वह सब भी खा जाता है, जो खाने लायक नहीं होतीं. इस केस में यह बेहद चौंकाने वाली बात थी कि नेलकटर जैसी नुकीली चीजें भी रोगी निगल गया, जो उसके पेट में रहीं. डॉ. शर्मा ने बताया कि यह उनके जीवन का एक अनोखा केस था. डॉक्टरों ने कहा कि यह केस बड़ा ही हैरान करने वाला था. गजेंद्र के एक्सरे, सिटी स्कैन और एंडोस्कोपी में कई तरह की चीजें बिखरी हुई नजर आई. 

बहराल सही समय पर इलाज लेने के बाद रोगी गजेंद्र अब पूरी तरीके से स्वस्थ है. यही नहीं उसके लिए राहत की बात यह है कि इतनी वस्तुओं के उसके अंदर होने के बावजूद उसकी आंतों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. अब गजेंद्र के पूरी तरह स्वस्थ होने के पश्चात सर्जरी विभाग के डॉक्टरों की टीम द्वारा उसका मनोचिकित्सक से इलाज करवाएंगे.

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