पायलट बनने के बाद इस शख्स ने गांव के बुजुर्गों को कराई पहली हवाई यात्रा
Advertisement

पायलट बनने के बाद इस शख्स ने गांव के बुजुर्गों को कराई पहली हवाई यात्रा

शायद आपके मन में भी हमेशा कुछ ऐसा चलता हो जिसे आप पूरा करने के लिए सपने देखते हो. ऐसे ही सपने कई लोग अपनी प्रोफेशनल लाइफ को लेकर देखते हैं.

पायलट बनने के बाद इस शख्स ने गांव के बुजुर्गों को कराई पहली हवाई यात्रा

शायद आपके मन में भी हमेशा कुछ ऐसा चलता हो जिसे आप पूरा करने के लिए सपने देखते हो. ऐसे ही सपने कई लोग अपनी प्रोफेशनल लाइफ को लेकर देखते हैं. कोई व्यक्ति डॉक्टर बनने के बाद अपने गांव में अस्पताल खोलने का सपना देखता है तो कोई इंजीनियर बनने के बाद अपने गांव के लिए कुछ नया कर गुजरने की चाहत रखना है. कोई नेता बनकर अपने गांव में बिजली, पानी और सड़क की सुविधा देना चाहता है. लेकिन इस सबसे अलग एक शख्स ने ऐसा कुछ किया कि आप भी उसके जज्बे को देखकर सलाम किए बिना नहीं रह पाएंगे.

विकास ने अपना वादा याद रखा
हरियाणा के हिसार जिले के सारंगपुर गांव के रहने वाले विकास ज्याणी ने यह सपना अपने लिए नहीं बल्कि अपने गांव वालों के लिए देखा था. विकास पायलट बनने की तैयारी कर रहे थे, इसी दौरान उन्होंने खुद से यह वादा किया कि जिस दिन वह पायलट बन जाएंगे उस दिन गांव के बुजुर्गों को हवाई सफर कराएंगे. कुछ लोग कामयाबी पाने के बाद वादों को भूल जाते हैं लेकिन विकास ने खुद से किए गए इस वादे को पूरा किया.

ये है दुनिया का सबसे अमीर गांव, हर शख्स के पास करोड़ों का बैंक बैलेंस

90 साल की महिला ने भी की हवाई यात्रा
हवाई यात्रा के लिए विकास ने गांव के उन लोगों को चुना, जिनकी उम्र 70 साल या फिर इससे ज्यादा थी. उन्होंने इन सभी लोगों के साथ चंडीगढ़ से अमृतसर की हवाई यात्रा की. अपनी यात्रा के दौरान बुजुर्गों ने स्वर्ण मंदिर के दर्शन करने के साथ ही जलियांवाला बाग और वाघा बॉर्डर घूमा. यात्रियों में 90 साल की बिमला, 78 साल के राममूर्ति और 80 साल के अमर सिंह भी शामिल थे. हवाई यात्रा पूरी करने के बाद बुजुर्गों ने कहा उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे हवाई यात्रा करेंगे.

fallback

बुजुर्गों ने बताया कि विकास को हमेशा से ही विश्वास था कि वह एक दिन पायलट जरूर बनेगा. टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार विकास के पिता महेंद्र ज्याणी ने कहा कि बेटे ने जो काम किया है, वह किसी पुण्य से कम नहीं है. 90 साल की बिमला ने कहा कि मैंने हवाई जहाज के सफर के लिए कभी सपने में भी नहीं सोचा था. उन्होंने बताया कि कई लोगों ने हवाई यात्रा का वादा किया लेकिन इसे विकास ने ही निभाया.

VIDEO : लंगूर ने चलाई यात्रियों से भरी बस, खतरे में पड़ी ड्राइवर की नौकरी

वहीं 78 साल के राममूर्ति और कांकरी देवी ने कहा कि हवाई यात्रा उनकी जिंदगी का सबसे सुखद अनुभव रहा है. उन्होंने साथ में यात्रा करने वाले अन्य लोगों की भी प्रशंसा की, जिन्होंने यात्रा के दौरान बुजुर्गों की मदद की. विकास के पिता महेंद्र ज्याणी ने कहा कि विकास हमेशा से ही बुजुर्गों का सम्मान करता है और यह उसका सपना था. उसने अपने इस सपने को पूरा करके दिखा दिया है. सभी युवाओं को विकास को फॉलो करना चाहिए.

Trending news