Top Highest Mountain: आपको भरोसा नहीं होगा लेकिन शोधकर्ताओं ने एक नया रिसर्च दुनिया के सामने पेश किया है. इसके मुताबिक माउंट एवरेस्ट से भी ऊंचा एक पहाड़ इस धरती पर मौजूद है, जिसे मौना केआ के नाम से जाना जाता है.
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What Is Mauna Kea: दुनिया भर के बच्चे स्कूली पढ़ाई के दौरान GK का 1 सवाल रटते हैं जिसमें उन्हें बताया जाता है कि इस धरती पर सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट है लेकिन हालिया शोध ने इस तथ्य पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है! कई वैज्ञानिकों का मानना है कि एक ऐसा भी पर्वत है जो माउंट एवरेस्ट की सत्ता को सीधे लालकारता है यानी GK के उस सवाल का जवाब हम गलत पढ़ रहे थे. ऐसा हम नहीं कहते हैं बल्कि कई रिसर्चर्स ने इस बात को माना है. साइंस फोकस ने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें दावा किया गया है कि दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एवरेस्ट नहीं है. इस रिसर्च में कहा गया है कि एक अन्य पर्वत है जो माउंट एवरेस्ट से भी ऊंचा है.
कौन सा है वो पहाड़?
नेपाल के माउंट एवरेस्ट को नकार कर दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत अमेरिका के मौना केआ (Mauna Kea) को कहा गया है. मौना केआ अमेरिका के हवाई (Hawaii) में स्थित है जो एक सुप्त ज्वालामुखी है. सुप्त ज्वालामुखी उसे कहते हैं जिसकी आग ठंडी हो जाती है और भविष्य में इनसे लावा निकलने की कोई उम्मीद नहीं होती है. ऐसे ज्वालामुखी के ऊपरी हिस्से में गड्ढा बन जाता है जिसमें पानी जमा होने से झील का निर्माण होता है. वैज्ञानिकों ने मौना केआ के सबसे ऊंचे पर्वत होने का दावा किया है. इसके सपोर्ट में उन्होंने कई तर्क भी दिए हैं.
क्या कहते हैं रिसर्चर्स?
शोधकर्ताओं का कहना है कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई वास्तव में समुद्र तल के ऊपर ज्यादा है. माउंट एवरेस्ट समुद्र से 8,849 मीटर ऊपर है. हालांकि, टेक्निकली समुद्र तल से नीचे भी एक पहाड़ का हिस्सा दफन रहता है. किसी पहाड़ की दो ऊंचाइयां हो सकती हैं जिसमें पहला समुद्र तल से दूसरा समुद्र तल के ऊपर यानी धरती से. इस लिहाज से मौना केआ की कुल लंबाई करीब 10,205 मीटर बनती है. इसी कारण वैज्ञानिक मौना केआ को सबसे ऊंचा पर्वत बता रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि मौना केआ का अधिकतर भाग समुद्र के भीतर ही है. इसका आधे से ज्यादा हिस्सा प्रशांत महासागर के अंदर है.