...तो चीन में होते कोरोना के इतने लाख मामले, स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
Advertisement

...तो चीन में होते कोरोना के इतने लाख मामले, स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

शोधार्थियों के इस दल ने चीन में कोरोना वायरस के मामलों की गिनती के लिए अपनाए गए तरीके पर अध्ययन किया है. 

फाइल फोटो

बीजिंग: अगर चीन (China) ने गणना के सही तौर-तरीके अपनाए होते तो फरवरी मध्य में ही वहां 2.32 लाख कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले हो सकते थे. यानि आधिकारिक आंकड़ों से चार गुना ज्यादा मामले वहां होते. यह चौंकाने वाला खुलासा यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग (Hong Kong) के शोधार्थियों की रिपोर्ट से हुआ है. 

उन्होंने कहा "हमारे आकलन के मुताबिक चीन में कोरोना वायरस महामारी के पहले दौर में ही फरवरी मध्य तक कोरोना वायरस संक्रमण के 2.32 लाख मामले थे." शोधार्थियों के इस दल ने चीन में कोरोना वायरस के मामलों की गिनती के लिए अपनाए गए तरीके पर अध्ययन किया है. 

ये भी पढ़ें- Corona: 'वुहान डायरी' में चीन की गलतियों का कच्चा चिट्ठा, लेखिका को दी जान से मारने की धमकी

चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन (एनएचसी) के मुताबिक, चीन में कोविड 19 के मामलों की संख्या 82,798 तक पहुंच गई है, जबकि 4,632 मौतें हो चुकीं हैं. गौर करने वाली बात है कि चीन पर कोरोना वायरस के मामलों को छुपाने के आरोप लगते रहे हैं और इसके लिए उसे अमेरिका और यूरोप के अन्य देशों की आलोचनाएं भी झेलनी पड़ीं हैं.

17 अप्रैल को चीन ने कोरोना वायरस के केंद्र रहे वुहान शहर में मौतों का संशोधित आंकड़ा पेश किया था. चीन ने 1290 और मौतें जोड़ते हुए आंकड़े को 3,869 तक पहुंचने की बात कही थी. 16 अप्रैल को जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, 325 मामले बढ़ने के बाद वुहान में पुष्टि की गई कोरोनोवायरस मामलों की कुल संख्या बढ़कर 50,333 हो गई.

वुहान अधिकारियों ने इस बदलाव पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, 'वे कानून और नियमों के साथ लोगों और मरने वालों के आंकड़ों के अनुसार थे.'  'द लांसेंट' नामक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में शोधार्थियों ने कहा है कि चीन ने हाल में जो मानदंड अपनाया है उसके मुताबिक तो 20 फरवरी तक वहां 55 हजार के आधिकारिक आंकड़े की जगह कोरोना के दो लाख 32 हजार पुष्ट मामले होते. हांगकांग के साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट ने गुरुवार को बताया कि चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले मौजूदा आंकड़ों से ज्यादा हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें- पाकिस्तान में अजीबोगरीब Lockdown पर भड़के डॉक्टर, स्कूल बंद लेकिन मस्जिद चालू

बीते साल दिसंबर के अंत में वुहान में महामारी फैलने के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के पेंग वू के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने चीन सरकार द्वारा इस्तेमाल किए गए विभिन्न वर्गीकरण प्रणालियों को देखा.

रिसर्चर्स ने पाया कि अगर पांचवां वर्जन महामारी की शुरुआत से अपनाया जाता तो 20 फरवरी तक कोरोना वायरस के मामले दो लाख 32 हजार तक जा सकते थे. खास बात यह है कि रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि जिन देशों में बीमारी के लिए पर्याप्त परीक्षण किट नहीं थे, उन्हें संक्रमण के मामलों की सही संख्या का पता लगाने केलिए नैदानिक निदान (क्लीनिकल डायग्नोसिस) को भी शामिल करना चाहिए.

LIVE TV

Trending news