भारत का यह पड़ोसी देश आर्थिक तरक्की के तय लक्ष्य से काफी पिछड़ गया.
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इस्लामाबाद : पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सभी प्रमुख क्षेत्रों में बड़ा झटका लगा है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अपेक्षाओं के अनुरूप प्रदर्शन करने में विफल रही, जिसके परिणामस्वरूप उसकी आर्थिक विकास दर केवल 3.3 प्रतिशत रही, जबकि 2018-19 के लिए उसका विकास लक्ष्य 6.2 प्रतिशत था. यानि भारत का यह पड़ोसी देश आर्थिक तरक्की के तय लक्ष्य से काफी पिछड़ गया.
पाकिस्तान की तरफ से की गई आधिकारिक घोषणा में बताया गया कि कृषि, औद्योगिक एवं सेवा क्षेत्र में उसकी ग्रोथ केवल क्रमश: 0.85pc, 1.4pc और 4.7pc रही. जोकि पाकिस्तान की इमरान खान नीत सरकार के पहले वर्ष में समग्र अर्थव्यवस्था के निराशाजनक प्रदर्शन को दर्शाता है.
सरकार ने कृषि में 3.8 pc, उद्योग में 7.6 pc और सेवाओं में 6.5 pc का अनुमान लगाया था और इस प्रकार GDP विकास का लक्ष्य 6.2pc तय किया गया. हालांकि वह अपने सभी लक्ष्यों से बुरी तरह पिछड़ गई.
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की समीक्षा करने के लिए सचिव (योजना, विकास और सुधार) ज़फर हसन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लेखा समिति की 101वीं बैठक में इन आंकड़ों को तैयार किया गया.
इसके अलावा आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान पर कर्ज का दबाव बढ़ता जा रहा है. वह दिनोंदिन कर्जे में डूब रहा है. खुद पाकिस्तान की सीनेट को सरकार की तरफ से बताया गया है कि पाकिस्तान का विदेशी ऋण 88.199 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है. Ary News ने एक खबर में यह जानकारी दी है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने सीनेट में प्रश्नकाल के दौरान विदेशी ऋण के आंकड़ों को जारी किया. मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि पिछले छह वित्तीय वर्षों में देश ने 26.19 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण लिया, जोकि 7.32 बिलियन डॉलर ब्याज से अतिरिक्त है. इसके चलते पिछले छह सालों में देश पर कुल विदेशी कर्ज 33.50 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.
वित्त मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि वित्त वर्ष 2013-14 में पाकिस्तान ने 6.90897 बिलियन डॉलर, वित्त वर्ष 2014-15 में 5.40721 बिलियन डॉलर, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 में 4.45020 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज लिया था.
मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 में विदेशी स्रोतों से पाकिस्तान का उधार 6.520381 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि 2017-18 में देश ने विदेशी स्रोतों से 6.020526 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण लिया.
देश ने अब तक जारी वित्तीय वर्ष में 4.550154 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण लिया है. वित्त मंत्रालय ने अपने जवाब में सीनेट को सूचित किया.