भारत के कड़े रुख से डरा पाकिस्तान, जैश मुख्यालय पर निगरानी के लिए दो प्रशासक नियुक्त किए
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भारत के कड़े रुख से डरा पाकिस्तान, जैश मुख्यालय पर निगरानी के लिए दो प्रशासक नियुक्त किए

हाल के वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ कि लाहौर से लगभग 430 किलोमीटर दूर स्थित परिसर को पाकिस्तान द्वारा मसूद अजहर के नेतृत्व वाले जैशे मोहम्मद के मुख्यालय के रूप में स्वीकार किया गया. 

जैश-ए- मोहम्मद ने ही जम्मू और कश्मीर के पुलवामा के आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली थी..

लाहौर: पाकिस्तान को हमले का डर सता रहा है. पाकिस्ताननी अधिकारियों ने आतंकवादी संगठन जैश-ए- मोहम्मद के मुख्यालय पर दो प्रशासक नियुक्त किए हैं. जैश-ए- मोहम्मद ने ही जम्मू और कश्मीर के पुलवामा के आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की सरकार ने लाहौर से करीब 400 किलोमीटर दूर बहावलपुर में मदरसातुल साबिर और जामिया मस्जिद सुभानअल्लाह को अपने नियंत्रण में लेने की घोषणा करने के दो दिन बाद प्रशासकों की नियुक्ति की.  

पंजाब सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "पंजाब सरकार ने जिला औकाफ प्रशासक मोहम्मद अली और क्षेत्रीय औकाफ प्रशासक गुलाम अब्बास को क्रमशः जामिया मस्जिद सुभानअल्लाह और मदरसातुल साबिर, बहावलपुर के प्रशासनिक मामलों की निगरानी के लिए नियुक्त किया है."  

जामिया मस्जिद सुब्बानल्लाह बहावलपुर के मॉडल टाउन-बी में घनी आबादी वाले औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है जबकि मदरसातुल साबिर शहर के बाहरी इलाके में बहावलपुर-अहमद पूर्व राजमार्ग पर स्थित है. इससे पहले, पाकिस्तान सरकार ने बहावलपुर में जैशे मोहम्मद के मुख्यालय का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के अपने ही दावे को खारिज कर दिया और कहा कि परिसर का जैशे मोहम्मद से कोई संबंध नहीं है.

 

पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश में कहा कि पंजाब सरकार ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान लिए गए फैसलों के अनुसार राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत बहावलपुर में मदरसातुल साबिर और जामिया मस्जिद सुब्हानअल्लाह का प्रशासनिक नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया.चौधरी ने अपनी पूर्व घोषणा को खारिज किया कि परिसर जैशे मोहम्मद का मुख्यालय है और कहा, ‘‘यह मदरसा है और भारत यह दुष्प्रचार कर रहा है कि यह जैशे मोहम्मद का मुख्यालय है.’’ 

मंत्री ने शुक्रवार को बताया कि पंजाब सरकार ने "बहावलपुर में जैशे मोहम्मद के मुख्यालय को अपने नियंत्रण में ले लिया." उन्होंने कहा था, "पंजाब सरकार ने बहावलपुर में कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय मदरसातुल साबिर और जामिया मस्जिद सुब्हानअल्लाह के परिसर को अपने नियंत्रण में ले लिया है और इसके मामलों के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया है."

हाल के वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ कि लाहौर से लगभग 430 किलोमीटर दूर स्थित परिसर को पाकिस्तान द्वारा मसूद अजहर के नेतृत्व वाले जैशे मोहम्मद के मुख्यालय के रूप में स्वीकार किया गया. गृह मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि जैश के खिलाफ कार्रवाई "प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में लिये गए निर्णय के तहत की गई है." 

बयान में कहा गया कि परिसर में मदरसा में 70 शिक्षकों का एक संकाय है और वर्तमान में 600 छात्र इसमें अध्ययन कर रहे हैं. इसमें कहा गया कि पंजाब पुलिस परिसर को सुरक्षा प्रदान कर रही है. पंजाब सरकार के अधिकारी ने कहा कि 2002 में जैशे मोहम्मद पर प्रतिबंध लगाने के बाद से विभिन्न खुफिया एजेंसियां ​​नियमित रूप से मस्जिद और मदरसा की निगरानी कर रही हैं. पाकिस्तान ने गुरुवार को मुंबई हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता हाफिज सईद के नेतृत्व वाले जमात-उद-दावा और उसकी परोपकार इकाई फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन पर भी प्रतिबंध लगा दिया.

इससे पहले, दोनों संगठनों को गृह मंत्रालय की निगरानी सूची में रखा गया था. माना जाता है कि जमात उद दावा आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है जो मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार है जिसमें 166 लोग मारे गए थे. इसे जून 2014 में अमेरिका द्वारा एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था.

गत 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए एक घातक आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे और पांच घायल हो गए थे. पुलवामा जिले में हुए इस हमले में जैशे मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरा अपना वाहन जवानों की बस में टकरा दिया था. हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों के खिलाफ तत्काल और सत्यापन योग्य कार्रवाई करे. भारत ने इसके साथ ही पाकिस्तान के लिए सबसे तरजीही देश का दर्जा वापस लेने की भी घोषणा की और पाकिस्तान से आयातित सामान पर सीमाशुल्क को बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया है.

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