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ब्रह्मांड कितनी तेजी से फैल रहा है? वैज्ञानिकों ने पता लगाया Hubble Constant का मान

Universe Expansion Speed: आधुनिक टेलीस्कोप और अंतरिक्ष मिशनों की मदद से विज्ञान ने ब्रह्मांड के कई रहस्य सुलझाए हैं. लेकिन हर बार कुछ न कुछ ऐसा पता चलता है जो वैज्ञानिकों को अचरज में डाल देता है. 1929 तक हम नहीं जानते थे कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है. एडविन हबल ने हमें बताया कि आकाशगंगाएं एक-दूसरे से दूर जा रही हैं. नब्बे के दशक में हमें पता लगा कि ब्रह्मांड के फैलने की दर लगातार बढ़ रही है. यानी ब्रह्मांड कहीं ज्यादा रफ्तार से फैल रहा है. लेकिन यह रफ्तार जिसे 'हबल स्थिरांक' (Hubble Constant) के नाम से जाना जाता है, कितनी है? आखिरकार, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से वैज्ञानिकों ने यह पता लगा लिया है कि ब्रह्मांड किस गति से फैल रहा है.

कितनी तेजी से हो रहा ब्रह्मांड का विस्तार?

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कितनी तेजी से हो रहा ब्रह्मांड का विस्तार?

यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो की कॉस्मोलॉजिस्ट वेंडी फ्रीडमैन और उनके सहयोगियों की रिसर्च के मुताबिक, ब्रह्मांड 70 किलोमीटर प्रति सेकंड प्रति मेगापार्सेक की रफ्तार से फैल रहा है. फ्रीडमैन और उनकी टीम की रिसर्च Astrophysical Journal में छपी है.

कैसे पता लगाई ब्रह्मांड के फैलने की स्पीड

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कैसे पता लगाई ब्रह्मांड के फैलने की स्पीड

ब्रह्मांड के फैलने की दर का पता लगाने के लिए, वैज्ञानिकों ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के डेटा का एनालिसिस किया. उन्होंने 10 नजदीकी आकाशगंगाओं तक की दूरी का पता लगाया. और फिर वर्तमान समय में ब्रह्मांड जिस दर से विस्तार कर रहा है, उस वैल्यू की गणना की.

Hubble constant क्या है?

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Hubble constant क्या है?

महान अमेरिकी एस्ट्रोनॉमर एडविन हबल ने 1929 में अपनी खोजों से खगोल विज्ञान की दुनिया में क्रांति ला दी थी. उन्होंने ही सबसे पहले बताया था कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है. हबल स्थिरांक यानी हमें यह बताता है कि ब्रह्मांड के विस्तार की वर्तमान गति क्या है. हबल समीकरण के अनुसार, v = H0D, जहां H0 हबल स्थिरांक है और D पृथ्‍वी से आकाशगंगा की दूरी. हबल स्थिरांक को सबसे (किमी/सेकंड)/मेगापार्सेक में बताया जाता है.

अब तक कैसे होती थी हबल स्थिरांक की गणना

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अब तक कैसे होती थी हबल स्थिरांक की गणना

ब्रह्मांड के इतिहास को समझने के लिए हबल स्थिरांक का पता चलना जरूरी है. वैज्ञानिक इसकी गणना के लिए दो तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. एक तरीका यह है कि बिग बैंग के बाद आए प्रकाश जिसे कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड कहते हैं, उसकी स्टडी की जाए. इस तरीके से गणना करने पर Hubble constant की वैल्यू 67.4 किलोमीटर प्रति सेकंड प्रति मेगापार्सेक आती है.

दूसरा तरीका वह है जिसमें फ्रीडमैन माहिर हैं. इसमें हमारे पड़ोस की आकाशगंगाओं के विस्तार को सीधे मापने के लिए, उन तारों का इस्तेमाल होता है जिनकी चमक ज्ञात है. जिस तरह कार की रोशनी दूर होने पर फीकी लगती है, उसी तरह अधिक से अधिक दूरी पर तारे फीके और फीके दिखाई देते हैं. आकाशगंगाओं की दूरी और गति को मापने से हमें पता चलता है कि ब्रह्मांड कितनी तेजी से फैल रहा है. इस तरीके से गणना पर Hubble constant की वैल्यू 74 किलोमीटर प्रति सेकंड प्रति मेगापार्सेक के करीब आती है.

'हबल टेंशन' के सबूत नहीं

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'हबल टेंशन' के सबूत नहीं

हब्बल टेलीस्कोप की मदद से हमें पता चला कि ब्रह्मांड के विस्तार में तेजी आ रही है. पिछले दो दशक में वैज्ञानिकों ने दो प्रमुख तरीकों से 'हबल स्थिरांक' को मापा लेकिन अलग-अलग गणनाएं आईं. इससे शक हुआ कि कहीं ब्रह्मांड के हमारे वर्तमान मॉडल में कोई चीज गायब तो नहीं. गणनाओं में इस अंतर को 'हबल टेंशन' कहते हैं. अब JWST की मदद से वैज्ञानिकों ने जो माप लिया है, उससे संकेत मिलते हैं कि शायद ऐसी कोई बात नहीं है.

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