असम: नागरिकता संशोधन विधेयक पर बवाल, छात्राओं ने की विधानसभा स्पीकर का घर घेरने की कोशिश
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असम: नागरिकता संशोधन विधेयक पर बवाल, छात्राओं ने की विधानसभा स्पीकर का घर घेरने की कोशिश

नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर असम में घोर विरोध हो रहा है. ये बिल अभी केवल लोक सभा से ही पारित हुआ है. राज्य सभा से पास होना शेष है.

असम में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध-प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है.

गुवाहाटी: असम में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध-प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. शनिवार को असम के जोरहाट शहर में कॉलेज की छात्राओं ने असम विधानसभा स्पीकर और जोरहाट निवासी हितेंद्र नाथ गोस्वामी का निजी निवास को घेरने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया.

छात्राओं और महिला पुलिसकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की और बहस भी हुई. छात्राओं ने कॉलेज की क्लासेज का तब तक बायकाट करने का निर्णय लिया हैं जब तक नागरिकता संशोधन विधेयक भारत सरकार वापस नहीं लेती है. पुलिस और प्रशासन के लिए राहत की बात थी कि असम विधानसभा के स्पीकर भाजपा नेता हितेंद्र नाथ गोस्वामी अपने निज आवास में मौजूद नहीं थे. बता दें कि पिछले दिनों असम विधान सभा के अध्यक्ष ने नागरिकता संशोधन विधेयक को लोक सभा से जल्दबाज़ी में पारित करने का बयान देते हुए क्षोभ जताया था.

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर असम में घोर विरोध हो रहा है. ये बिल अभी केवल लोक सभा से ही पारित हुआ है और राज्य सभा से पास होना शेष है. इस बिल के आधार पर 2014 तक भारत में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से बिना दस्तावेजों के उत्पीड़ित गैर मुसलमान नागरिक जो भाग कर हिंदुस्तान आए हैं उन्हें 6 वर्षों के शरणकाल पर भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान दिया गया है.

इससे पहले 1955 में संशोधित किए गए इस बिल में गैर मुसलमान शरणार्थियों को इन तीनों देशों से उत्पीड़न के शिकार के कारण भारत में 11 वर्ष के उपरांत भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान दिया गया था.

असम में इस बिल के लागू होने की स्थिति में हिन्दू बांग्लादेशी शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलने पर राज्य का सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और भगौलिक ताना बाना बिगड़ने के शंका और भय से असमिया समज के लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं.

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