वंदे मातरम विवाद बोले BJP महासचिव- "कमलनाथ किसी के दबाव में तो नहीं हैं"
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वंदे मातरम विवाद बोले BJP महासचिव- "कमलनाथ किसी के दबाव में तो नहीं हैं"

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस की नयी सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर बुधवार को निशाना साधा

वंदे मातरम विवाद बोले BJP महासचिव- "कमलनाथ किसी के दबाव में तो नहीं हैं"

इंदौर: मध्यप्रदेश में हर महीने के पहले कामकाजी दिन भोपाल स्थित मंत्रालय में राष्ट्रीय गीत "वंदे मातरम" गाने की 13 साल पुरानी परंपरा टूटने को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस की नयी सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर बुधवार को निशाना साधा. विजयवर्गीय ने यहां संवाददाताओं से कहा, "कमलनाथ को स्पष्ट करना चाहिये कि उनकी सरकार इस अच्छी परंपरा को बदलना क्यों चाहती है. कहीं ऐसा तो नहीं है कि मुख्यमंत्री उन लोगों के दबाव में आ गये हैं, जो वंदे मातरम गाये जाने से अपनी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने की बात करते रहे हैं." उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों का कर्ज माफ करने के चुनावी मुद्दे पर कमलनाथ सरकार ने सूबे के अन्नदाताओं से वादाखिलाफी की है. 

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भाजपा महासचिव ने कहा, "सूबे के सभी किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जा रहा है. चुनिंदा किसानों को कर्ज माफी योजना का लाभ मिल रहा है. नतीजतन हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को वोट देने वाले किसान अब पछता रहे हैं." उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रदेश में कई स्थानों पर शीतलहर के प्रकोप से किसानों की फसल को बड़ा नुकसान होने के बावजूद कांग्रेस सरकार के मंत्री, सत्तारूढ़ दल के विधायक और आला अधिकारी मैदानी स्तर पर अब तक निष्क्रिय हैं.

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बता दें साल 2019 के पहले दिन मध्य प्रदेश सचिवालय में वंदे मातरम गाने की 13 साल पुरानी परंपरा कमलनाथ सरकार ने तोड़ दी, जिसके बाद से लगातार भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस को निशाने पर लेती आ रही है. सचिवालय में वंदे मातरम न गाए जाने को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सत्ता में बैठी कांग्रेस की कड़े शब्दों में आलोचना की है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि 'कांग्रेस यह भूल गई है कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन देश और देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं है. मैं मांग करता हूं कि वंदे मातरम गाना हमेशा की तरह हर कैबिनेट मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख को हमेशा की तरह वल्लभ भवन के प्रांगण में हो.'

 

 

 

 

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