New Relationship Rules: रिलेशनशिप को लेकर एक्सपीरियंसऔर ह्युमन नेचर के आधार पर कई तरह के नियम बनते रहते हैं. ऐसा ही डेटिंग का 90 दिनों का रूल है, जो किसी रिलेशन से निकलने और नए रिलेशन में आने तक के जर्नी को बेहतर बनाने के लिए बनाया गया है.
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New Relationship Tips: कुछ लोगों को लव एट फर्स्ट साइट वाले एकतरफा प्यार से निकलने के लिए भी समय लग जाता है. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो सालों पुराने रिश्ते से मूव ऑन करने के लिए भी समय नहीं लेते हैं. लेकिन यह कितना सही है, इसका फैसला आप इस आधार पर कर सकते हैं, कि क्या आप ऐसे किसी व्यक्ति को डेट करना चाहेंगे जिसे ब्रेकअप किए अभी हफ्ते भर भी न हुआ हो? शायद नहीं, क्योंकि किसी भी रिश्ते को तोड़ने के बाद भी उससे पूरी तरह से निकलने में व्यक्ति को समय लगता है. ऐसे में वह व्यक्ति आपको कितनी सच्चाई के साथ प्यार करेगा इसकी कोई गारंटी नहीं होती है.
ऐसे में डेटिंग का तीन महीने वाला रूल बहुत मददगार साबित हो सकता है. नए-नए रिश्ते या ब्रेकअप में हम आमतौर हर फैसले इमोशनल होकर लेते हैं. ऐसे में चीजों को बेहतर तरीके से समझने और एक्सेप्ट करने के लिए 90 दिनों का यह रूल बहुत कारगर है.
समझें तीन महीने का नियम?
किसी से मिलने पर शुरुआत के तीन महीने भ्रम के होते हैं. यानी की हम अक्सर अपनी दिमाग में बनाई उस इंसान की इमेज के मुताबिक उसे समझते हैं और टीट्र करते हैं. व्यक्ति को ऑब्जेक्टिव रूप से देखने के बजाय, आप उसे वैसा ही देखते हैं जैसा आप चाहते हैं कि वह हो. ऐसे में किसी को डेटिंग करते समय दूसरे लेवल पर जाने से पहले कम से कम 90 दिन का समय खुद को जरूर देना चाहिए.
अगर आप इसके बाद भी एक-दूसरे के साथ कंटिन्यू नहीं करना चाहते हैं, और मन में एक- दूसरे के लिए किसी तरह की कोई भावना नहीं है, तो आप दूसरे रिलेशन के लिए तैयार हैं. ऐसा करने से आप अपने नए रिश्ते को बेहतर तरीके से चला पाते हैं.
दोबारा डेटिंग के लिए फायदेमंद
ब्रेकअप के बाद 3 महीने के नियम को फॉलो करने से आप अपने नए रिश्ते को बेहतर तरीके से चला पाते हैं। यह 90 दिनों का गैप सेल्फ इंस्पेक्शन का होता है. जो आपको अपने आने वाले पार्टनर को लेकर क्लियरिटी देता है. साथ ही पास्ट रिलेशन में की गई गलतियों और अपनी कमियों को समझने के लिए यह जरूरी होता है.
क्या 3 महीने का नियम सच है?
3 महीने का नियम प्रैक्टिकल रूप से सही हो सकता है, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. रिश्ते में मूव ऑन करने का समय सबके लिए अलग-अलग होता है; कुछ लोग एक दूसरे से मिलते ही जीवन भर साथ रहने का फैसला कर लेते हैं. वहीं, कुछ लोग 6 साल साथ रहकर भी एक-दूसरे को लाइफ पार्टनर के रूप में नहीं देख पाते हैं.
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