Raat Me Mantra Jaap Kitna Sahi: मनचाहे फल की प्राप्ति के लिए मंत्रों का जाप करना एक शुभ उपाय माना जाता है. ऐसा करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है. लेकिन क्या रात में भी मंत्रोच्चारण करने से हम वैसे शुभ लाभ हासिल कर सकते हैं, जैसे कि दिन में?
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Raat Me Mantra Jaap Karein Ya Nahi: सनातन धर्म में मंत्र जाप की महिमा बताई गई है. सही तरीके से किए गए मंत्रोच्चारण से देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं और जातक को अपना आशीर्वाद देने के लिए स्वयं भूलोक पर आ जाते हैं. ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक मंत्रोच्चारण करने से वाचक और उन्हें सुनने वाले लोगों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और दुख-मानसिक संतापों से दूर रहते हैं. लेकिन एक सवाल अक्सर कई लोगों के मन में आता होगा कि क्या रात में मंत्रों का जाप किया जा सकता है या नहीं. क्या रात्रि में मंत्रोच्चारण करने से जातक को उसके उचित प्रतिफल प्राप्त होते हैं? आइए आज आपको इस अहम रहस्य से अवगत करवाते हैं.
मंत्रों का जाप करने के नियम
ज्योतिष के विद्वानों के मुताबिक, मंत्रों का जाप करने के लिए कुछ विधिवत नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है. ऐसा न करने पर हमें उसका फल नहीं मिलता है. इसी में से एक नियम है कि रात में मंत्रों का जाप न करना. इसकी कई वजहें हैं, जो इस प्रकार हैं-
प्रकृति ने रात सोने के लिए बनाई है. ऐसे में अगर आप रात में मंत्रों का जाप करते हैं तो आपको नींद के झोंके आ सकते हैं, जिससे मंत्रों की निरंतरता भंग हो सकती है. इससे मंत्रों की दिव्यता पर भी असर पड़ता है. यही वजह है कि रात में मंत्रों का जाप करने से मना किया जाता है.
देवी-देवताओं की निद्रा में खलल
रात्रि के दौरान सभी देवी-देवता भी शयन अवस्था में होते हैं. ऐसे में अगर आप मंत्रों का जाप कर उनका आह्वान करते हैं तो इससे उनकी निद्रा में खलल पड़ जाती है. जिससे उनके रुष्ट होने का खतरा बढ़ जाता है. लिहाजा जहां तक संभव हो, ऐसा करने से बचना चाहिए वरना आपको फायदे के बजाय नुकसान हो सकता है.
ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक, रात्रि का वक्त मंत्रोच्चारण के बजाय तंत्र साधना के लिए उपयुक्त माना जाता है. इसलिए अगर आप रात में मंत्रों का जाप करते हैं तो इससे आप पर विपरीत प्रभाव पड़ सकते हैं. देवी-देवताओं के बजाय नकारात्मक शक्तियां आपके घर पर प्रवेश कर सकती हैं.
रात को मंत्र जाप करना कितना सही?
सनातन धर्म में सूर्यास्त के बाद की जाने वाली पूजा-अर्चना को शुभ नहीं माना गया है. इस दौरान अगर कोई पूजा पाठ करता है तो उसे इसका पूर्ण लाभ नहीं मिलता है. इसके बजाय आप सूर्योदय से पूर्व यानी ब्रह्म मुहूर्त में पूजा पाठ करें तो ज्यादा फायदा होगा. इस दौरान हमारे शरीर के सातों चक्र जागृत अवस्था में होते है, जिससे हमारी आत्मा का परमात्मा से सीधा संपर्क स्थापित हो जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)