Chaitra Navratri 2024 Day 6: माता दुर्गा का छठा स्वरूप हैं मां कात्यायनी, नवरात्रि के छठे दिन ऐसे करें पूजा
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Chaitra Navratri 2024 Day 6: माता दुर्गा का छठा स्वरूप हैं मां कात्यायनी, नवरात्रि के छठे दिन ऐसे करें पूजा

Chaitra Navratri 2024 6th Day: आज चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन है. आज पूरे देशभर में मां स्कंदमाता की पूजा की जा रही है. कल नवरात्रि का छठा दिन है. इस दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा करने का विधान है. 

Chaitra Navratri 2024 Day 6: माता दुर्गा का छठा स्वरूप हैं मां कात्यायनी, नवरात्रि के छठे दिन ऐसे करें पूजा

Chaitra Navratri 2024: आज चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन है. आज पूरे देशभर में मां स्कंदमाता की पूजा की जा रही है. कल नवरात्रि का छठा दिन है. इस दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा करने का विधान है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारणनाम कात्यायनी रखा गया. कहा जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से विवाह संबंधी परेशानियां दूर होती हैं. 

पूजा विधि
नवरात्रि के छठे दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े धारण कर लें. इसके बाद मां दुर्गा के छठे स्वरूप की पूजा करने का संकल्प लें. फिर माता रानी के सामने घी का दीपक जलाएं और फल, फूल, शृंगार का समान समेत उनकी प्रिय चीजें अर्पित करें. इसके बाद कात्यायनी माता की आरती करें और उनके मंत्रों का जाप करें. 

लगाएं इन चीजों का भोग
धार्मिक मान्यताओं के अनुसान मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी को शहद अत्यंत प्रिय है. आप भी चैत्र नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी को शहद का भोग लगा सकते हैं.

मां कात्यायनी की स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मंत्र

1. ओम देवी कात्यायन्यै नमः॥

2. एत्तते वदनम साओमयम् लोचन त्रय भूषितम।

पातु नः सर्वभितिभ्य, कात्यायनी नमोस्तुते।। 

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मां कात्यायनी की आरती/Maa Katyayani Ki Aarti
 

जय जय अम्बे, जय कात्यायनी।

जय जगमाता, जग की महारानी।

बैजनाथ स्थान तुम्हारा।

वहां वरदाती नाम पुकारा।

कई नाम हैं, कई धाम हैं।

यह स्थान भी तो सुखधाम है।

हर मंदिर में जोत तुम्हारी।

कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।

हर जगह उत्सव होते रहते।

हर मंदिर में भक्त हैं कहते।

कात्यायनी रक्षक काया की।

ग्रंथि काटे मोह माया की।

झूठे मोह से छुड़ाने वाली।

अपना नाम जपाने वाली।

बृहस्पतिवार को पूजा करियो।

ध्यान कात्यायनी का धरियो।

हर संकट को दूर करेगी।

भंडारे भरपूर करेगी।

जो भी मां को भक्त पुकारे।

कात्यायनी सब कष्ट निवारे।

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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