इस साल जन्‍माष्‍टमी व्रत रखने पर मिलेगा 4 गुना फल, जानें वजह और पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त
Advertisement
trendingNow12395849

इस साल जन्‍माष्‍टमी व्रत रखने पर मिलेगा 4 गुना फल, जानें वजह और पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त

Janmashtami 2024 Pujan Muhurat : जन्माष्टमी पर्व इस साल 26 अगस्‍त, सोमवार को मनाया जाएगा. साथ ही इस जन्‍माष्‍टमी पर कई ऐसे शुभ योग बन रहे हैं, जिससे व्रत-पूजा का कई गुना फल मिलेगा. 

इस साल जन्‍माष्‍टमी व्रत रखने पर मिलेगा 4 गुना फल, जानें वजह और पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त

Janmashtami 2024 Date : जन्‍माष्‍टमी पर्व भाद्रपद मास के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्‍णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था. कृष्‍ण जी का जन्‍म मथुरा के कारागार (जेल) में हुआ था. इसके बाद वृंदावन उनकी लीलास्‍थली बनी. हर साल पूरे देश में तो जन्‍माष्‍टमी पर्व जोर-शोर से मनाया ही जाता है लेकिन मथुरा-वृंदावन में जन्‍माष्‍टमी का आयोजन अद्भुत होता है. इसके अलावा देश भर के श्रीकृष्‍ण मंदिरों और इस्‍कॉन मंदिरों में भी जन्‍माष्‍टमी की अलग ही धूम रहती है. इस साल कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी पर्व 26 अगस्‍त 2024, सोमवार को मनाया जाएगा. साथ ही इस जन्‍माष्‍टमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिससे व्रत-पूजा का कई गुना ज्‍यादा फल मिलेगा. 

यह भी पढ़ें : महिला नागा साधु बनना बेहद मुश्किल, जीते जी करने पड़ते हैं ऐसे भयानक काम!

जन्माष्टमी पर शुभ योग

वहीं जन्माष्टमी की दोपहर 3 बजकर 55 मिनट से 27 अगस्‍त की मध्य रात्रि 3 बजकर 38 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा. इसके अलावा इस साल जन्‍माष्‍टमी पर एक और अद्भुत संयोग बनने जा रहा है. इस साल जन्‍माष्‍टमी के दिन चंद्रमा वृषभ राशि में होंगे, ऐसा ही भगवान कृष्ण के जन्म के समय था. लिहाजा जन्‍माष्‍टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा का वृषभ राशि में होना बेहद ही शुभ फलदायी रहेगा. 

यह भी पढ़ें: सूर्य ग्रहण में बस कुछ दिन बाकी, अभी से जान लें सभी 12 राशियों पर इसका असर

सोमवार की जन्‍माष्‍टमी मानी जाती है बेहद शुभ
 
वहीं सोमवार और बुधवार की जन्माष्टमी को बेहद शुभ माना गया है. जब भी जन्‍माष्‍टमी सोमवार या बुधवार को पड़ती है तो इसे जयंती योग कहा जाता है. दरअसल भगवान कृष्‍ण का जन्‍म बुधवार को जयंती योग में ही हुआ था. इस साल जन्‍माष्‍टमी पर जयंती योग का संयोग बन रहा है. 

जन्माष्टमी पूजन मुहूर्त

पंचांग के अनुसार भाद्रपद कृष्‍ण अष्‍टमी 26 अगस्‍त की तड़के सुबह 3 बजकर 40 मिनट से आरंभ होगी और 26 अगस्‍त की रात को 2 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी. 

वहीं जन्‍माष्‍टमी पर पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त 26 अगस्‍त की मध्‍यरात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक केवल 44 मिनट का ही रहेगा. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

Trending news