June 2024 Pradosh Vrat: जून के महीने में कब-कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत? जान लें सही डेट और महत्व
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June 2024 Pradosh Vrat: जून के महीने में कब-कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत? जान लें सही डेट और महत्व

Pradosh Vrat Kab Kab hai: हर महीने में दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं पहला कृष्ण पक्ष का और दूसरा शुक्ल पक्ष का. इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा करने का विधान है. 

June 2024 Pradosh Vrat: जून के महीने में कब-कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत? जान लें सही डेट और महत्व

June 2024 Pradosh Vrat Date: हर महीने में दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं पहला कृष्ण पक्ष का और दूसरा शुक्ल पक्ष का. इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा करने का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है साथ ही भोलेनाथ व्यक्ति के जीवन से परेशानियों को दूर कर देते हैं. मई का महीना खत्म होने में अब कुछ ही समय बाकी है. इसी के चलते आज हम आपको बताएंगे कि जून के महीने में प्रदोष व्रत कब कब रखा जाएगा.

कब है जून का पहला प्रदोष व्रत?
वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 3 जून को रात 12 बजकर 18 मिनट पर होगी. वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 4 जून रात 10 बजे होगा. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. इसके चलते 4 जून को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. ये प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन रखा जाएगा इसलिए ये भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा.

इस दिन होगा जून का दूसरा प्रदोष व्रत
वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 19 जून को सुबह 7 बजकर 28 पर होगी. वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 20 जून को सुबह 7 बजकर 49 मिनट पर होगी. इसके चलते 20 जून को ज्येष्ठ महीने का दूसरा प्रदोष व्रत रखा जाएगा.

प्रदोष व्रत का महत्व
हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. जो व्यक्ति प्रदोष व्रत पर विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करता है और व्रत रखता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. साथ ही भगवान शिव जीवन से कष्ट दूर कर देते हैं.

आप प्रदोष व्रत पर भगवान शिव के कुछ मंत्रों का जाप कर सकते हैं. 

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महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव प्रार्थना मंत्र

करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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