एसडीएम (भवन) नरेश कुमार ने बताया कि 15 जनवरी यानी बुधवार को दोपहर 12 बजे मुख्य पुजारी के साथ ही अन्य पुजारियों ने विधिवत पूजा-अर्चना कर प्राचीन गुफा के कपाट खोल दिए और श्रद्धालुओं को करीब 2 घंटे तक प्राचीन गुफा से निरंतर दर्शन होते रहे...
Trending Photos
जम्मू : आखिरकार माता वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi) के भक्तों की मुराद पूरी हुई. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (Shri Mata Vaishno Devi Shrine Board) ने 15 जनवरी को दोपहर करीब 2 घंटे के लिए मां वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा (Maa Vaishno Devi Ancient Cave) के कपाट खोल दिए, जिसको लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखने को मिला. इससे पहले मां वैष्णो देवी के मुख्य पुजारी के साथ ही अन्य पुजारियों ने प्राचीन गुफा की विधिवत पूजा अर्चना की और दोपहर 12 बजे प्राचीन गुफा के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए.
सर्वप्रथम मुख्य पुजारी के साथ ही अन्य पुजारियों ने प्राचीन गुफा में प्रवेश किया. इसके बाद वहां उपस्थित श्रद्धालुओं में भी भारी उत्साह देखने को मिला और श्रद्धालु कतारों में मां वैष्णो देवी का नमन करते हुए निरंतर प्राचीन गुफा में प्रवेश कर मां वैष्णो देवी के अलौकिक दर्शन करते रहे.
श्रद्धालुओं को बाद दोपहर करीब 2 बजे तक प्राचीन गुफा से मां वैष्णो देवी के अलौकिक दर्शन हुए. इसके बाद एकाएक बढ़ी भारी भीड़ के चलते प्राचीन गुफा के कपाट मजबूरन बंद करने पड़े और इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को मजबूरन कुत्रिम गुफाओं से ही मां वैष्णो देवी के अलौकिक दर्शन करने पड़े.
दरअसल, प्राचीन गुफा के दर्शनों को लेकर श्रद्धालुओं में इतना ज्यादा उत्साह था कि भवन पर लंबी-लंबी कतारें लग गई. इसको लेकर मजबूरन श्राइन बोर्ड ने प्राचीन गुफा के कपाट बंद कर दिए.
एसडीएम (भवन) नरेश कुमार ने बताया कि 15 जनवरी यानी बुधवार को दोपहर 12 बजे मुख्य पुजारी के साथ ही अन्य पुजारियों ने विधिवत पूजा-अर्चना कर प्राचीन गुफा के कपाट खोल दिए और श्रद्धालुओं को करीब 2 घंटे तक प्राचीन गुफा से निरंतर दर्शन होते रहे, लेकिन उसके बाद भारी भीड़ को देखते हुए कपाट एक बार फिर बंद कर दिए गए.
वहीं, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार ने बताया कि हालांकि मकर सक्रांति को लेकर श्रद्धालुओं के लिए प्राचीन गुफा के कपाट खोल दिए हैं पर भारी भीड़ को लेकर करीब 2 घंटे के उपरांत बंद करने पड़े, लेकिन भविष्य में जैसे ही यात्रा का आंकड़ा कम होगा तब-तब प्राचीन गुफा के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु प्राचीन गुफा के दर्शन कर सकें. जनवरी-फरवरी के महीनों में जब श्रद्धालुओं की संख्या कम होती है तो माता के भक्तों के लिए प्राचीन गुफा के द्वार खोल दिए जाते हैं, श्रद्धालु जिसका इंतजार साल भर करते हैं.
ये वीडियो भी देखें: